आस्था

श्रीश्री रवि शंकर यदि शरीर में कोई पोषक तत्त्व नहीं हो, तो शरीर में इसकी कमी हो जाती है। इसी तरह आत्मा भी है। आत्मा सुंदर, सत्य, आनंद, सुख, प्रेम और शांति है। मेरे अनुसार अध्यात्म वह है, जिससे ये सारे गुण बढ़ते हैं और सीमाएं खत्म हो जाती हैं… प्रेम सभी नकरात्मक भावनाओं का

जब यक्ष यक्षिणियां नाग देवता के तप को भंग करने लगी… जनश्रुतियों के अनुसार कहा जाता है कि नाग हुंगलू जी एक शासक थे। जो राजपाट त्याग कर मानसिक शांति के लिए वर्षों तक वनों की खाक छानते रहे। अंततः घूमते-घूमते डींग गांव में पहुंचे। इस स्थान पर चौरासी सिद्ध मिले, जिनके प्रभाव से राजा

हिमाचल प्रदेश घूमने-फिरने के साथ धार्मिक आस्था के लिए भी जाना जाता है। हिमाचल के कांगड़ा जिले के गांव रक्कड़  की एक पहाड़ी पर मां स्वस्थानी जी का मंदिर है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहां आने वाले हर भक्त की मनोकामना पूरी होती है। जिस वजह से यहां श्रद्धालु दूर-दूर

तिरुनेलवेली का नेल्लई अप्पार मंदिर तमिलनाडु का सबसे बड़ा शिव मंदिर है। इसे 700 ई. में पंड्या द्वारा बनाया गया था। यह मंदिर अपनी खूबसूरती के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। इस मंदिर में भगवान शिव और देवी पार्वती के लिए दो अलग मंदिर बनाए गए हैं। इस मंदिर को संगीत स्तंभ भी कहा

गंगा दशहरा हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है। ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को दशहरा कहते हैं। इसमें स्नान, दान, रूपात्मक व्रत होता है। स्कंद पुराण में लिखा हुआ है कि ज्येष्ठ शुक्ल दशमी संवत्सरमुखी मानी गई है। इसमें स्नान और दान तो विशेष रूप से करें। किसी भी नदी पर जाकर अर्घ्य एवं तिलोदक अवश्य करें। ऐसा करने वाला महापातकों के बराबर के दस पापों से छूट जाता है। ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष, दशमी को गंगावतरण का दिन मंदिरों एवं सरोवरों में स्नान कर पवित्रता के साथ मनाया जाता है। इस दिन मथुरा में पतंगबाजी का विशेष आयोजन होता है...

-गतांक से आगे… गोपाड़्गनावृतोनन्तो वृन्दावनसमाश्रयः। वेणुवादरतः श्रेष्ठो देवानां हितकारकः।। 136।। बालक्रीड़ासमासक्तो नवनीतस्यं तस्करः। गोपालकामिनीजारश्चोरजारशिखामणिः।। 137।। परंज्योतिः पराकाशः परावासः परिस्फुटः। अष्टादशाक्षरो मन्त्रो व्यापको लोकपावनः।। 138।। सप्तकोटिमहामन्त्रशेखरो देवशेखरः। विज्ञानज्ञानसन्धानस्तेजोराशिर्जगत्पतिः।। 139।। भक्तलोकप्रसन्नात्मा भक्तमन्दारविग्रहः। भक्तदारिद्रयदमनो भक्तानां प्रीतिदायकः।। 140।। भक्ताधीनमनाः पूज्यो भक्तलोकशिवंकरः। भक्ताभीष्टप्रदः सर्वभक्ताघौघनिकृन्तनः।। 141।। अपारकरुणासिन्धुर्भगवान भक्ततत्परः। अपारकरुणासिन्धुर्भगवान भक्ततत्परः।। 142।। इति श्रीराधिकानाथसहस्त्रं नाम कीर्तितम। स्मरणात्पापराशीनां खण्डनं मृत्युनाशनम।। 143।। वैष्णवानां प्रियकरं

निर्जला एकादशी का व्रत हिंदू धर्म में विशेष तौर पर मनाया जाता है। हिंदुओं में वर्ष में चौबीस एकादशियां आती हैं, किंतु इन सब एकादशियों में ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी सबसे बढ़कर फल देने वाली समझी जाती है, क्योंकि इस एक एकादशी का व्रत रखने से वर्ष भर की एकादशियों के व्रत का फल प्राप्त होता है। निर्जला एकादशी का व्रत अत्यंत संयम साध्य है। कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष दोनों पक्षों की एकादशी में अन्न खाना वर्जित है...

विनायक चतुर्थी का पर्व भगवान गणेश को समर्पित है। यह पर्व हिंदू धर्म को मानने वालों का मुख्य पर्व है। विनायक चतुर्थी को गणेशोत्सव के रूप में सारे विश्व में हर्षोल्लास व श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। भारत में इसकी धूम यूं तो सभी प्रदेशों में होती है, परंतु विशेष रूप से यह महाराष्ट्र

-गतांक से आगे… उपेन्द्रः इन्द्रावरजो वामनो बलिबन्धनः। गजेन्द्रवरदः स्वामी सर्वदेवनमस्कृतः।। 126।। शेषपर्यड़्कशयनो वैनतेयरथो जयी। अव्याहतबलैश्वर्यसम्पन्नः पूर्णमानसः।। 127।। योगेश्वरेश्वरः साक्षी क्षेत्रज्ञो ज्ञानदायकः। योगिहृत्पड़्कजावासो योगमायासमन्वितः।। 128।। नादबिन्दुकलातीतश्चतुर्वर्गफलप्रदः। सुषुम्नामार्गसंचारी सन्देहस्यान्तरस्थितः।। 129।। देहेन्द्रियमनः प्राणसाक्षी चेतःप्रसादकः। सूक्ष्मः सर्वगतो देहीज्ञानदर्पणगोचरः।। 130।। तत्त्वत्रयात्मकोव्यक्तः कुण्डलीसमुपाश्रितः। ब्रह्मण्यः सर्वधर्मज्ञः शान्तो दान्तो गतक्लमः।। 131।। श्रीनिवासः सदानन्दी विश्वमूर्तिर्महाप्रभुः। सहस्त्रशीर्षा पुरुषः सहस्त्राक्षः सहस्त्रपातः।। 132।। समस्तभुवनाधारः समस्तप्राणरक्षकः। समस्तसर्वभावज्ञो गोपिकाप्राणरक्षकः।।