आस्था

ओशो हमेशा उस विधि से शुरू करें, जो रुचिकर लगे। ध्यान को जबरदस्ती थोपना नहीं चाहिए। अगर जबरदस्ती ध्यान को थोपा गया, तो शुरुआत ही गलत हो जाएगी। जबरदस्ती की गई कोई भी चीज सहज नहीं हो सकती। यह बात अच्छे से समझ लेनी है, क्योंकि जिस दिशा में मन की सहज रुचि हो, उस

श्रीराम शर्मा प्रगति के पथ पर चलते हुए यदि दूसरों का सहयोग मिल सकता है, तो उसे प्राप्त करने में हर्ज नहीं। सहयोग दिया जाना चाहिए और आवश्यकतानुसार लेना भी चाहिए। पर इस तथ्य को ध्यान में रखना चाहिए कि हमारी मूलभूत आवश्यकता हमें स्वयं ही पूरी करनी पड़ती है, दूसरों के सहयोग से थोड़ा

सद्गुरु  जग्गी वासुदेव जब आप अपने शरीर की सीमाओं से परे चले जाते हैं, तो फिर सर्दी, गर्मी कहां होगी? क्या सर्दी या सर्द हवाएं आप की अंदरूनी गहराई को छू सकेंगी? सर्दी और गर्मी सिर्फ  आप की त्वचा की ऊपरी सतह को छू सकती हैं… एक समय में एक जेन गुरु थे, जो दुनिया

बाबा हरदेव भगवान श्रीकृष्ण का गीता में फरमान हैः अनित्यमसुखम् लोकमिभं प्राप्य भजस्व माम्। श्रीकृष्ण फरमा रहे हैं कि जिस सुखरहित क्षणभंगुर संसार में जहां हम रह रहे हैं, वहां सुख का आभास तो बहुत होता है परंतु सुख मिलता नहीं, बल्कि मिलता है तो दुख हाथ में आता है। दूर से दिखाई देने पर

24 मई रविवार, ज्येष्ठ, शुक्लपक्ष, द्वितीया 25 मई सोमवार, ज्येष्ठ, शुक्लपक्ष, तृतीया, रंभा तृतीया व्रत 26 मई मंगलवार, ज्येष्ठ, शुक्लपक्ष, चतुर्थी, गणेश चतुर्थी 27 मई बुधवार, ज्येष्ठ, शुक्लपक्ष, पंचमी 28 मई बृहस्पतिवार, ज्येष्ठ, शुक्लपक्ष, षष्ठी, अरण्य षष्ठी 29 मई शुक्रवार, ज्येष्ठ, शुक्लपक्ष, सप्तमी 30 मई शनिवार, ज्येष्ठ, शुक्लपक्ष, अष्टमी, दुर्गाष्टमी

इसके लक्षणों में सीने में दर्द, टांग और बांह में दर्द और शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द जहां की धमनी ब्लॉक हो चुकी हो। सांस लेने में दिक्कत, थकान, ब्लॉकेज के मस्तिष्क में रक्त प्रवाह को प्रभावित करने पर उलझन होना, रक्त प्रवाह की कमी के कारण टांग की मांसपेशियों में कमजोरी आना शामिल

*  सिरदर्द या माइग्रेन में  लैवेंडर को सूंघने से दर्द से राहत मिल सकती है। * सेंधा नमक को नींबू के रस में मिलाकर पीने से पेट दर्द और गैस की समस्या दूर होती है। *  हल्दी वाला दूध पीने से जोड़ों के दर्द से आराम लिता है। *  खांसी में करौंदे के पत्ते शहद

पहले हर दिन की भागदौड़ के कारण समय का पता नहीं चलता था और अब कोरोना काल में लॉकडाउन, जॉब इंसिक्योरिटी और लगातार बढ़ते असुरक्षा के माहौल के कारण दिमाग पर तनाव हावी रहता है। इससे फिर समय का पता नहीं चल रहा है। दिन-रात का अंतर खत्म कर चुके वर्क कल्चर में काम का

ऐसे बहुत से लोग हैं, जो स्लिप डिस्क की समस्या से परेशान हैं। इस समस्या में सबसे पहले रीढ़ की हड्डी में दर्द होना शुरू होता है। कई बार कमर का निचला हिस्सा सुन्न भी पड़ जाता है। धीरे-धीरे नसों पर दबाव भी महसूस होना शुरू हो जाता है। परेशानी बढ़ने पर जरा सा झुकना