खांसी एक सामान्य समस्या मानी जाती है, जो आमतौर पर गले में संक्रमण के कारण हो जाती है। सामान्य खांसी 2-3 दिन में खुद-व-खुद ठीक हो जाती है, लेकिन कई बार खांसी का कारण गले में संक्रमण न होकर शरीर की कोई अन्य बीमारी हो सकती है। आमतौर पर लोग खांसी को नजरअंदाज भी कर
हार्ट अटैक के मामले आए दिन सामने आते रहते हैं ऐसे में एक्सपट्र्स का मानना है कि हैवी वर्कआउट करने से भी हार्ट अटैक का खतरा काफी ज्यादा बढ़ सकता है। खासतौर पर ज्यादा एक्सरसाइज करने से, व्यक्ति के दिल को ज्यादा तनाव देने से या ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी करने से आंतरिक तनाव और संभावित
हमारे जीवन में ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर की मुख्य भूमिका है। यही तय करते हैं कि हमारी सेहत कैसी रहेगी। इनमें डिनर यानी रात्रि भोज का अहम रोल है, जो हमारे शरीर के स्वस्थ रहने की दिशा तय करता है, लेकिन बहुत ज्यादा निर्भर हम पर रहता है कि डिनर के बाद हम कैसे सेहतमंद
मौजूदा समय में खराब खानपान ने सेहत की कमर तोड़ दी है और दो बिमारियां तो ऐसी हैं, जो हर दूसरे इनसान को हैं। हम बात कर रहे हैं ब्लड प्रेशर और डायबटीज की, जो कि आम बात हो गई है, लेकिन यह दोनों बिमारियां ऐसी हैं, जो इनसान को मौत के मुंह तक पहुंचा
जालंधर। विश्व स्तर पर इस समय सात हजार से अधिक दुर्लभ रोग मौजूद हैं और इनमें से 80 प्रतिशत आनुवांशिक रोग हैं, जो दुनिया की छह से आठ प्रतिशत आबादी को प्रभावित करते हैं। एंडोगैमी (करीबी रिश्तेदारों के बीच विवाह) के प्रचलन ने देश के कुछ क्षेत्रों में उच्च आनुवांशिक रोग (आरजीडी) को बढ़ावा दिया
खाने-पीने का शौकीन तो हर कोई होता है, लेकिन क्या खाना चाहिए और क्या नहीं, यह जानना भी बेहद जरूरी है। अगर हम ऐसे ही बिना जाने और डाक्टरी सलाह कुछ भी खाते रहेंगे, तो शरीर धीरे-धीरे गंभीर बिमारियों की चपेट में आ जाता है। ऐसे में जरूरी है कि हम सही चीजों का चयन
शिमला। राष्ट्रीय संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम के सलाहकार डॉ. नरेश पुरोहित ने कहा कि कोविड संक्रमण से संक्रमित व्यक्तियों में रक्त के थक्के जमने की प्रवृत्ति अधिक रहती है जिससे उनमें हृदयाघात का खतरा बढ़...
नई दिल्ली। डायबटीज एक ऐसा मीठा जहर है, जो धीरे-धीरे इनसान को अंदर से खत्म कर देता है। हिंदोस्तान को डायबटीज की राजधानी भी कहा जाता है, क्योंकि यहां हर चौथे से पांचवां शख्स शुगर से ग्रसित है। डायबटीज होने के कई कारण हैं, लेकिन अगर समय पर इसका पता चल जाए, तो इसे कंट्रोल
नई दिल्ली। किसी ने ठीक ही कहा है, जान है तो जहां है। शरीर सेहतमंद तो टेंशन खत्म। खुशहाल जिंदगी और रोगों से दूर-दूर तक नाता नहीं, लेकिन बदलती शैली और भागदौड़ ने इनसान को इतना व्यस्त कर दिया है कि शरीर को सेहतमंद रखने का वक्त ही नहीं मिलता। खराब खानपान, वर्कआउट की कमी