पाठकों के पत्र

(जयेश राणे, मुंबई, महाराष्ट्र ) गोवा-मुंबई तेजस एक्सप्रेस का खाना खाने से 26 यात्री बीमार पड़ गए हैं। बीमार यात्रियों की संख्या चौंकाने वाली है। रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम को इस विषय में जिनसे गलती हुई है, उन पर कड़ी कार्रवाई करनी होगी। तेजस एक्सप्रेस जैसी प्रीमियम रेलवे में खानपान की इतनी लापरवाही हो

(जग्गू नौरिया, जसौर, नगरोटा बगवां ) टेबल थपथपा कर पगार बढ़ाए, वह नहीं चाहिए, बलात्कारियों को जो बचाते, वह नहीं चाहिए। बांटता रहा दरियां-परातें बन समाजसेवी कोई, वह बगुला भी सत्ता में कतई न चाहिए। बैठकर विपक्ष में चुप रहा, न वह गूंगा चाहिए, दबा रखे काबिलीयत, वह तानाशाह न चाहिए। साधु भेस में छिपा

(रमेश सर्राफ धमोरा, झुंझूनू ) हमारे देश में सर्वाधिक धूमधाम से मनाए जाने वाले त्योहार दीपावली का प्रारंभ धनतेरस से हो जाता है। लोग इसी दिन से घरों की लिपाई-पुताई प्रारंभ कर देते हैं। कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन ही धन्वंतरि का जन्म हुआ था, इसलिए इस तिथि को धनतेरस के नाम से

(शगुन हंस, योल, कांगड़ा ) आचार संहिता से पहले बंटी रेवडि़यों का हाल देखो कि करसोग बहुतकनीकी संस्थान का उद्घाटन मुख्यमंत्री ने शिमला में बैठकर वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए ही कर दिया। खास यह कि उद्घाटन पट्टिका समय पर नहीं बनी, तो कागजों को चिपकाकर ही रस्म पूरी कर दी। यही तो राजनीति की खूबी

विषकन्या (डा. सत्येंद्र शर्मा, चिंबलहार, पालमपुर ) जोड़ा बिछुड़ा हंस का, टूट गया अब साथ, संन्यासी नित मांगता, विषकन्या का हाथ। चली बांटने नियति, अब पहरे की सौगात, गिनी सलाखें सौ दफा, नहीं कट रही रात। रानी पसरी दुर्ग में, सेवक, पहरेदार, रोट चर रही मुफ्त में, है कुकर्म का सार। फफक-फफक, नाटक चला, बेच

(डा. राजन मल्होत्रा, पालमपुर ) हाल ही में भारत-आस्ट्रेलिया के दरम्यान संपन्न हुई टी-ट्वेंटी शृंखला एक-एक से बराबर रही। भारत ने शृंखला का पहला मैच जीत लिया, तो उस जीत के खूब जश्न मनाए गए। जीत का जश्न मनाने में कुछ गलत भी नहीं है। उसके बाद दूसरे मैच में आस्ट्रेलियाई टीम ने भारतीय टीम

(शशि राणा, कलोहा ) हम इक्कीसवीं सदी में जीते हुए भारत के डिजिटल होने का सपना देख रहे हैं। यह हर भारतीय के लिए गौरव की बात है। वहीं हमारे देश का एक वर्ग ऐसा भी है, जिसे दो वक्त की रोटी के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है। उस वर्ग का नाम है-गरीब वर्ग।

(नंदकिशोर परिमल, गुलेर, देहरा ) दीपों का है त्योहार दिवाली, बच्चों का है शृंगार दिवाली। वर्ष भर इंतजार कराए, खुशियां अपार अपने संग लाए दिवाली। सबके मन में नया संचार यह भरती, स्वच्छता का पाठ पढ़ाए दिवाली। हर इक के मन में लड्डू फूटें, मुबारक हो सबको त्योहार दिवाली। छोटा-बड़ा आज न दिखे, सबके मन

(राजेश कुमार चौहान, सुजानपुर टीहरा ) हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीख घोषित हो गई है। जैसे-जैसे चुनाव की तारीख पास आ रही है, राजनीतिक दल मतदाताओं को कई तरीकों से लुभाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए नेता बड़ी-बड़ी रैलियां करेंगे, तो कुछ घर-घर जाकर प्रदेशवासियों को लुभाने का प्रयास करेंगे। सभी