विचार

किसी एक कहानी के साथ समय कई नई कहानियां जोड़ देता है। इसी कारण कालांतर में कहानी के उत्स को पहचानना और उसके पड़ावों को चिन्हित करना मुश्किल हो जाता है। यह प्रक्रिया हमें इस बात के लिए सजग करती है कि हम अपनी कहानी लेकर सजग रहें।  देश के अन्य हिस्सों की तरह हिमाचली

इस तर्ज का मुहावरा हिंदोस्तान और चीन के संदर्भ में शुरू हुआ था-‘हिंदी-चीनी, भाई-भाई।’ लेकिन जिस तरह चीन ने भारत की पीठ में छुरा घोंपा और 1962 का युद्ध हुआ। उसके बाद इस मुहावरे की मौत हो गई। बहरहाल चीन का संदर्भ यहीं तक सीमित रखते हैं, लेकिन नेपाल, भूटान, ईरान और बांग्लादेश आदि देशों

( कर्म सिंह ठाकुर लेखक, सुंदरनगर, मंडी से हैं ) शराब जहां कारोबारियों के लिए भारी-भरकम मुनाफे का सौदा है, वहीं राजनीतिक दलों के लिए सत्ता का मार्ग प्रशस्त करती रही है। दूसरी तरफ सरकारों के लिए आमदनी का प्रमुख स्रोत भी है। लेकिन नशाखोरी से घर-परिवार टूट रहे हों, अपराध बढ़ रहा हो, सड़क

( डा. सत्येंद्र शर्मा, चिंबलहार, पालमपुर ) बिना सोमरस सब सून मदिरा से है जिंदगी, सड़कें हैं बेकार, बिन मदिरा के अब नहीं, भागे मोटर-कार। आत्मा बोतल में बसी, कहां लुटा कानून? सरेआम तौहीन है, हुआ न्याय का खून। जहर आज अमृत बना, खतरनाक है खेल, बिना सोमरस पान के, नहीं खिंच रही रेल। बोतल

( रमेश सर्राफ धमोरा (ई-पेपर के मार्फत) ) तमाम प्रयासों के बावजूद हमारे देश में बाल विवाह जैसी कुप्रथा का अंत नहीं हो पा रहा है।  यह समस्या हमारे सामाजिक जीवन के उस स्याह पहलू की ओर इशारा करती है, जिसे अकसर हम रीति-रिवाज व परंपरा के नाम पर अनदेखा करते हैं। तीव्र आर्थिक विकास,

( राजेश कुमार चौहान, सुजानपुर टीहरा ) धन के लिए इनसान को किसी न किसी काम-धंधे की आवश्यकता होती है। आज युवा थोड़ा पढ़-लिख जाने के बाद कुर्सी पर बैठकर आराम की नौकरी की तलाश में रहते हैं, जिस कारण कई युवा अपनी काफी उम्र तक बेरोजगार ही रह जाते हैं। युवाओं को एक बात

चलो चलें फुटबाल हो जाए। पैरों से खेले जाने वाले दुनिया के शायद एकमात्र खेल फुटबाल के दीवाने एक ढूंढो तो सौ मिलते हैं। ‘दिव्य हिमाचल’ ने अपने मेगा इवेंट ‘दिव्य हिमाचल फुटबाल लीग’ के जरिए युवाओं में ऐसा जोश जगाया कि पुराने खिलाडि़यों को जहां आक्सीजन मिली, वहीं नए खिलाड़ी नव उत्साह के साथ

‘दिव्य हिमाचल’ फुटबाल लीग को लेकर प्रदेशभर के युवाओं में खासा जोश है। मीडिया गु्रप की अनूठी पहल से जहां युवाओं को विश्व के नंबर वन खेल में अपनी पहचान बनाने का मौका मिलेगा, वहीं खेल से उनके अंदर छिपी प्रतिभा भी बाहर आएगी। ‘दिव्य हिमाचल’ की टीम ने जब इस बारे में फुटबाल खिलाडि़यों

शिमला यानी पहाड़ों की रानी, जिसकी प्राकृतिक खूबसूरती हर किसी को बरबस ही अपनी ओर चुंबक की तरह आकर्षित कर लेती है। शहर में हर रोज सैकड़ों सैलानी पहुंचते हैं, लेकिन सुविधाओं के लिहाज से कितना स्मार्ट है शिमला, इसी की तफतीश करता इस बार का दखल … शिमला में नगर सरकार की शुरुआत दिसंबर