विचार

( डा. राजन मल्होत्रा, पालमपुर ) दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि अगर आम आदमी पार्टी पंजाब में सत्तारूढ़ हुई, तो अरविंद केजरीवाल उसके अगले मुख्यमंत्री होंगे। हालांकि उनके इस विश्वास की पता नहीं क्या वजह रही होगी, पर शायद मनीष सिसोदिया यह नहीं जानते कि पार्टी की जीत पर भी अरविंद

पीके खुराना ( पीके खुराना लेखक, वरिष्ठ जनसंपर्क सलाहकार और विचारक हैं ) सवाल यह है कि पंजाब में किसकी जीत की संभावना है। अभी तक के सर्वेक्षणों में हालांकि आम आदमी पार्टी काफी मजबूत दिख रही है और कांग्रेस के आंतरिक सर्वेक्षणों में भी वह बहुत मजबूत नजर नहीं आ रही है तथा शिरोमणि

( अनुज कुमार आचार्य  लेखक, बैजनाथ से हैं ) आधुनिकता की दौड़ में हिमाचल के लोग, विशेष रूप से युवा कदमताल करते नजर आते हैं। ऐसे में स्वाभाविक ही है कि हमारी प्राचीन सांस्कृतिक परंपराएं कहीं पीछे छूटती नजर आएंगी। फैशनपरस्ती ने पारंपरिक परिधानों के ऊपर बढ़त बना ली है, तो वहीं हमारी लोक संस्कृति

( वर्षा शर्मा, पालमपुर, कांगड़ा ) हिमाचल में बर्फबारी के पांचवें दन भी अगर जनजीवन पूरी तरह से सामान्य नहीं हो पाया है, तो इस बात की पड़ताल बेहद आवश्यक हो जाती है कि आखिर चूक कहां पर हुई। इन नाकामियों के बीच यदि मुख्यमंत्री प्रशासन को लताड़ते हैं, तो कोइर् हैरानी नहीं होनी चाहिए।

( जग्गू नौरिया, जसौर, नगरोटा बगवां ) खरियां गल्लां असां गलाणियां, बुरियां दा नी पल्लु फड़या। कांगू गरने तुड़े झरेड़, हरड़, बेहड़ा, आंवला सड़या। लाहड़ हार बंजर होये, कख नी बंदरां छड्डया। सच गलाणां पाहडि़यो मित्रो, क्या कुछ झूठ बोल्लेया। डंगर बच्छु नसन सारे, कुणी घराला भित्त खोड़या। दिखदे रहे सरीक सारे,भेद कुणी नी दस्सया।

( अमित पडियार (ई-मेल के मार्फत) ) सीमा सुरक्षा बल के जवानों को खराब खाना परोसे जाने का वीडियो उसी बल के जवान ने सोशल मीडिया पर डाला है। कहा जा रहा है कि जिस जवान ने वह वीडियो सोशल मीडिया पर डाला है, उसका व्यक्तिगत तौर पर नकारात्मक अतीत रहा है। फिर भी उस

( शगुन हंस, योल, कांगड़ा ) आपदा में सरकार हमें कितना सुरक्षित रख सकती है, यह हमें इस बर्फबारी ने बता दिया। केंद्र हिमाचल के मुश्किल समय में कितना साथ देगा, यह मुआयना करने आई उस टीम से पता चलता है, जो बिना पूरा हिमाचल घूमे भाग खड़ी हुई। एसी कमरों में बैठकर फैसले करने

शिमला के साथ स्मार्ट शब्द किसी नई पहचान का फलक नहीं है, लेकिन आजादी के बाद की निरंकुश हवाओं ने माहौल बिगाड़ दिया। रात को जगमगाता शहर जब सुबह के आईने में खुद को निहारता है, तो हजारों चीखें सुनी जा सकती हैं। बेशक अब कसौटियां पुनः देश के स्मार्ट होते शहरों में शिमला को

सरहद पर तैनात बीएसएफ के जवान तेज बहादुर यादव ने खराब खाने को लेकर जो खुलासे किए हैं, बेशक वे सनसनीखेज और गंभीर किस्म के हैं। एक बात शुरू में ही साफ कर दें कि जवान के आरोपों के मद्देनजर ही हम किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहते। सेना और अर्द्धसैन्य बलों का सम्मान देश