वैचारिक लेख

डा. वरिंदर भाटिया पूर्व कालेज प्रिंसीपल पूरे देश में राज्यों को आपसी तालमेल में प्रवासी मजदूरों के लिए हेल्पलाइन बनाकर काम करना चाहिए। पिछले तीन वर्षों से जीएसटी काउंसिल को लेकर राज्यों ने जिस प्रकार का समन्वय और सहयोग किया है, उसी प्रकार इस महामारी से निपटने के लिए भी केंद्र और राज्यों के बीच

अशोक गौतम ashokgautam001@Ugmail.com वे बड़े बाबू ही क्या जो अबके भी पीछे रहते। बस, उनके हाथ ऑफिस को कुछ खरीदने का अवसर हाथ लगना चाहिए। ऑफिस के लिए साहब से कुछ भी वाहियात खरीदवाना उनके बाएं हाथ का खेल है। दुर्भाग्य से जिस दिन उनके हाथ कमीशन पर कुछ ऑफिस लाने का अवसर हाथ नहीं

भरत झुनझुनवाला आर्थिक विश्लेषक उत्तम तो यह होगा कि पेट्रोल पर वर्तमान में 25 रुपए प्रति लीटर का जो टैक्स केंद्र सरकार द्वारा वसूल किया जा रहा है, उसे बढ़ाकर सीधे 100 रुपए कर दें और इस रास्ते लगभग 10 लाख करोड़ रुपए की वार्षिक आय हो सकती है, जिसका उपयोग हम अपनी अर्थव्यवस्था को

सुखदेव सिंह लेखक नूरपुर से हैं आज विदेशों में फंसे भारतीय लोगों की मदद करके वतन वापस लाया जा रहा है तो वह उसी नीति का नतीजा है। यूएई सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सर्वोच्च सम्मान देकर और पूर्व विदेश मंत्री स्वर्गीय सुषमा स्वराज को अरब देशों की एक धार्मिक कमेटी में मुख्यातिथि मनोनीत करके

अजय पाराशर लेखक, धर्मशाला से हैं आप कहेंगे कि लाठी तो लकड़ी की ही होती है। इसमें नया क्या है। फिर लाठी तो लाठी है। इसकी तासीर ही ऐसी है कि किसी भी युग में बिना चले नहीं रह पाती। लेकिन जब चलती है तो ़गरीब की पीठ पर ही चलती है। युग चाहे कोई

डा. जयंतीलाल भंडारी विख्यात अर्थशास्त्री चीन से बाहर निकलते निवेश और निर्यात के मौके भारत की ओर आने की संभावना के कई बुनियादी कारण भी चमकते हुए दिखाई दे रहे हैं। कई आर्थिक मापदंडों पर भारत अभी भी चीन से आगे है। भारत दवा निर्माण, रसायन निर्माण और बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्रों में सबसे तेजी से

प्रवीण कुमार शर्मा सतत विकास चिंतक विकास की दृष्टि से उत्तराखंड ने  हिमाचल को अपना आदर्श अवश्य बनाया, पर नीतियां और कार्यक्रम अपनी जरूरतों के हिसाब से बनाए। उत्तराखंड ने आधारभूत संरचनाओं में निवेश के साथ-साथ उपलब्ध संसाधनों का समुचित उपयोग किया। हिमाचल की तुलना में  उत्तराखंड का कम क्षेत्रफल और अधिक जनसंख्या विकास की

निर्मल असो स्वतंत्र लेखक सामाजिक दूरी की पहचान में सारा देश अपने कदमों से दो गज माप रहा है। ये गज भी कमाल के हैं। वर्षों से माप रहे हैं, लेकिन दूरी है कि मिटती नहीं, फिर भी कोरोना की आफत में यह दस्तूर न्याय का हो गया। हालांकि हम तो अदालत में भी कानून

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री वरिष्ठ स्तंभकार यदि किसी तरह लोगों का ध्यान तबलीगी जमात की ओर से हटा कर किसी दूसरे समुदाय की ओर मोड़ दिया जाए तो इसका लाभ लंबी रणनीति में कांग्रेस की इतालवी लॉबी को मिल सकता है और पार्टी के भीतर उसकी ताकत भी बढ़ सकती है। शायद इसी को आधार