कर्म सिंह ठाकुर

कर्म सिंह ठाकुर लेखक, मंडी से हैं न्यायालय ने मृत्यु दंड देकर सभी प्रदेशवासियों को यह एहसास करवाया कि कुकृत्य करने वालों की अब खैर नहीं। मासूम युग नृशंस अपराध का शिकार हो गया। उसको कोई भी वापस नहीं ला सकता, लेकिन दरिंदों को फांसी की सजा मिलने से युग के माता-पिता, दादी तथा परिजनों

कर्म सिंह ठाकुर लेखक, मंडी से हैं नशा आजाद परिंदे की तरह हिमाचल में भी अपने पंख फैलाता हुआ आगे बढ़ रहा है। नशे के शिकार युवाओं की बात करें, तो वर्ष 2016 में प्रदेश के विभिन्न विभागों द्वारा किए गए शोध के मुताबिक राज्य के करीब 40 फीसदी युवा नशे की चपेट में आ

कर्म सिंह ठाकुर लेखक, मंडी से हैं मनुष्य तथा पर्यावरण दोनों परस्पर एक-दूसरे के इतने संबंधित हैं कि उन्हें अलग करना कठिन है। जिस दिन पर्यावरण का अस्तित्व मिट गया, उस दिन मानव जाति का अस्तित्व ही मिट जाएगा। पर्यावरण को बचाने के लिए जागरूकता, सजगता तथा अपने दायित्वों का पूर्ण ईमानदारी से प्रत्येक इनसान

कर्म सिंह ठाकुर लेखक, मंडी से हैं समाज से नशे को उखाड़ने के लिए सरकार द्वारा सख्त नियमों का निर्वहन व स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा नशे के दुष्परिणामों के प्रति निरंतर मुहिम शुरू करनी होगी। एक दिन दिवस मना कर कुछ नहीं होगा, जब तक यह दिवस वर्षभर अपनी मुहिम नहीं चलाएगा… 31 मई, 2018 को

कर्म सिंह ठाकुर लेखक, सुंदरनगर, मंडी से हैं ऐसा क्या कारण या परिस्थितियां हैं जो युवा वर्ग कृषि व्यवस्था से मुंह मोड़ रहा है। कृषि व्यवस्था का मौसम पर निर्भर रहना, प्राचीन उपकरणों का इस्तेमाल, अंधविश्वासी कृषि व्यवस्था तथा समय पर बीज व खाद इत्यादि का उपलब्ध न होना ऐसे कारण हैं, जो युवाओं को

कर्म सिंह ठाकुर लेखक, सुंदरनगर, मंडी से हैं प्रदेश में नौ लाख के करीब बेरोजगार हैं सबको सरकारी नौकरी नहीं दी जा सकती, जो कि शाश्वत सत्य है। क्यों न इन युवाओं को ईमानदारी से यह एहसास करवाया जाया कि प्रदेश में भौगोलिक दृष्टि से समृद्धता के कारण स्वरोजगार के नवीन अवसरों की अपार संभावनाएं