छुट्टी पर डाक्टर, चल चलें घर

By: Jan 24th, 2017 12:07 am

बस इंतजार ही करते रहे रोगी

NEWSNEWSसोलन —  अपनी मांगों को लेकर सोमवार को जिला के सभी सरकारी अस्पतालों में डाक्टरों के मास कैजुअल लीव पर रहना मरीजों को काफी महंगा पड़ा। सोमवार को जिला भर के करीब 82 डाक्टर हड़ताल पर रहे, वहीं, क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में सभी ओपीडी के बाहर ताले लटके होने से मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। अस्पताल में लोगों को केवल आपातकालीन में ही सुविधा मिल पाई। अस्पताल के सभी डाक्टरों के हड़ताल पर रहने से मरीजों का इलाज नहीं हो पाया। जानकारी के अनुसार सोलन जिला के सभी अस्पतालों में लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। सोमवार को सोलन अस्पताल में सभी डाक्टरों की हड़ताल होने से ओपीडी में मरीजों का इलाज नहीं हो पाया, जबकि अस्पताल के आपातकालीन में लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं मिलती रहीं। गौर रहे कि सोमवार को प्रदेश भर में अपनी मांगों को लेकर हिमाचल प्रदेश मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर सभी चिकित्सक मास कैजुअल लीव पर रहे। सोलन अस्पताल में सोमवार को सुबह से ही आपाताकाल वार्ड में लोगों की लंबी-लंबी कतारें देखने को मिलीं, वहीं किसी भी डाक्टर के ओपीडी में न होने से कई मरीजों को बिना इलाज करवाए ही घर को लौटना पड़ा। जिला का सबसे बड़ा अस्पताल होने के चलते आए दिन अस्पताल में ओपीडी के बाहर मरीजों की लंबी-लंबी कतारें लगी रहती हैं व दूर-दूर से लोग अपना इलाज करवाने के लिए सोलन अस्पताल पहुंचते हैं, लेकिन सोमवार को अस्पताल में इलाज न होने से मरीज परेशान रहे।  मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरके दरोच ने बताया कि सोमवार को जिला के सभी अस्पतालों में डाक्टरों के मास कैजुअल लीव पर होने से मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। उन्होंने बताया कि अस्पताल में आपातकालीन में मरीजों को स्वास्थ्य सेवाएं दी गईं।

ओपीडी पर ताला

सोमवार को क्षेत्रीय अस्पताल के सभी डाक्टर हड़ताल पर रहे, जिसके चलते सभी ओपीडी में ताले लटके रहे। इन दिनों सोलन अस्पताल में करीब 21 डाक्टर अपनी सेवाएं मरीजों को दे रहे हैं, लेकिन सोमवार को अस्पताल में सिर्फ आपातकाल में ही लोगों का इलाज हो पाया। सोमवार को डाक्टरों के हड़ताल पर होने से जिला स्वास्थ्य केंद्र व अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई हुई रहीं। मांगों को लेकर जिला के करीब 82 डाक्टर हड़ताल पर रहे। जिला के नालागढ़, धर्मपुर, अर्की, कंडाघाट, सायरी, चायल व अन्य जगहों पर भी डाक्टरों का हड़ताल पर रहना मरीजों को भारी पड़ा।

कुनिहार में सिर्फ इमर्जेंसी में इलाज

कुनिहार – प्रदेश में डाक्टरों द्वारा की गई हड़ताल का असर नागरिक स्वास्थ्य केंद्र कुनिहार में भी देखने को मिला। यहां तैनात डाक्टर ओपीडी में न बैठकर मात्र आपातकालीन सेवाओं को जारी रखे हुए थे। जानकारी के अनुसार कुनिहार क्षेत्र के इस चिकित्सालय में आसपास की लगभग छह ग्राम पंचायतों के लोग अपनी जांच हेतु आते हैं व प्रतिदिन की ओपीडी 150 से अधिक रहती है। डाक्टरों की हड़ताल के चलते मात्र 10 से 15 ओपीडी ही रही हैं। इसी विषय बारे चिकित्सालय में तैनात डाक्टर एसके शर्मा ने बताया कि चिकित्सालय में आपातकालीन केसों को ही देखा जा रहा है। हड़ताल के चलते सामान्य ओपीडी सेवाएं बंद की गई हैं।

डाक्टर न मिलने से परवाणू भी परेशान

परवाणू —  मेडिकल आफिसर एसोसिएशन के आह्वान पर कर्मचारी राज्य बीमा निगम अस्पताल परवाणू में सोमवार को डाक्टर्स के सामूहिक अवकाश के चलते कर्मचारी राज्य बीमा निगम अस्पताल परवाणू में आने वाले समान्य मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मरीजों व उनके तीमारदारों को पूर्व में डाक्टर्स की सामूहिक अवकाश की सूचना उपलब्ध न होने के कारण मरीज सुबह से ही इलाज करवाने के लिए हास्पिटल परवाणू पहुंचने पर डाक्टर के उपलब्ध न होने से उन्हें भारी परेशानी हुई और काउंटर पर उपलब्ध  स्टाफ ने डाक्टर्स के सामूहिक अवकाश पर होने की सूचना दी व कई आने वाले मरीज बिना इलाज लिए ही वापस हुए। सबसे ज्यादा परेशानी छोटे बच्चों व बुजुर्गों को जो चलने-फिरने में असमर्थ थे, यहां तक पहुंचने के लिए भारी कष्ट उठाना पड़ा। कर्मचारी राज्य बीमा निगम अस्पताल परवाणू में डाक्टर्स के सामूहिक अवकाश पर आपातकालीन सेवाएं ही चालू थीं। सामान्य मरीज को हास्पिटल में उपलब्ध स्टाफ ने मरहम पट्टी तक ही अपनी सेवाएं दीं। गौर हो कि डाक्टर्स के साथ ड्यूटी के समय बदसलूकी के मामलों पर व मेडिकल आफिसर एसोसिएशन की मांगों की अनदेखी के  चलते डाक्टर सामूहिक अवकाश पर रहे।


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