डिग्री कालेज अब स्थानीय छात्रों को नहीं दे सकते लाभ
नैनीताल— उत्तराखंड में राज्य के डिग्री कालेजों में अब शिक्षा बोर्डों के आधार पर स्थानीय अभ्यर्थियों को दाखिले में विशेष लाभ नहीं मिल सकता। नैनीताल उच्च न्यायालय ने शिक्षा बोर्डों के साथ भेदभाव को संविधान के अनुच्छेद-14 व 15 का उल्लंघन करार दिया है। न्यायालय ने कहा कि सरकार महाविद्यालयों में स्थानीय छात्रों को दस फीसदी विशेष लाभ नहीं दे सकती। न्यायालय ने राजकीय महाविद्यालय डोइवाला, देहरादून के प्राचार्य को स्नातक के लिए उत्तराखंड बोर्ड से उत्तीर्ण छात्रों की तरह ही सीबीएसई एवं आइसीएसई बोर्ड से उत्तीर्ण छात्रों को भी प्रवेश देने के निर्देश दिए हैं। उच्च न्यायालय ने सरकार से कहा है कि उत्तराखंड बोर्ड की तरह इन बोर्डों के छात्रों को प्रवेश में दस फीसदी वेटेज दिया जाए। देहरादून के अतुल राणा एवं अन्य ने विशेष याचिका दायर कर कहा था कि उन्होंने डोइवाला डिग्री क ालेज में बीए प्रथम वर्ष में प्रवेश के लिए आवेदन किया था। उन्होंने सीबीएसई बोर्ड से 12वीं पास किया था, मगर कालेज ने इस आधार पर प्रवेश नहीं दिया कि उत्तराखंड बोर्ड के कम मेरिट वालों को प्रवेश दिया जाना है। याचिकाकर्त्ता ने याचिका दायर कर चुनौती दी तो एकल पीठ ने याचिका को खारिज कर दिया था। इसके बाद विशेष अपील दायर की गई। खंडपीठ ने मामले में सुनवाई पर यह फैसला सुनाया।
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