यूरिक एसिड के लक्षण

By: Jan 14th, 2017 12:15 am

खून में यूरिक एसिड की मात्रा का बढ़ना जोड़ों व किडनी पर भारी पड़ता है। अच्छी बात यह है कि शुरुआती स्तर पर खान-पान और जीवनशैली में सुधार करके ही इसे ठीक किया जा सकता है। यूरिक एसिड शरीर में बनने वाला एक रसायन है, जो पाचन प्रक्रिया के दौरान प्रोटीन के टूटने से बनता है। अधिकतर यूरिक एसिड खून में घुलकर किडनी तक पहुंचता है और वहां से सफाई होने के बाद पेशाब के जरिये बाहर निकल जाता है। पर कई बार शरीर में यूरिक एसिड ज्यादा बनने लगता है या फिर पूरी तरह फिल्टर नहीं होता। शरीर में यूरिक एसिड के अधिक जमा हो जाने पर गाउट (एक प्रकार का गठिया) की स्थिति उत्पन्न होने लगती है। इसकी अधिकता किडनी में पथरी की आशंका को बढ़ाती है।

क्यों बढ़ता है यूरिक एसिड

आनुवंशिक कारण, शारीरिक असक्रियता और अधिक मात्रा में नॉनवेज खाना आदि शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने की आशंका बनाते हैं। ऐसे में शुरुआती स्तर पर ही इसकी पहचान हो जाना, इसे तेजी से बढ़ने से रोक सकता है और इससे होने वाले नुकसान से भी बचाता है।

कैसे होती है जांच- खून के सामान्य टेस्ट से इसे जांचा जा सकता है। ऐसे लोग, जिन्हें जोड़ों में दर्द रहता है या बार-बार पथरी बनती है, उन्हें खून में यूरिक एसिड के स्तर की जांच कराते रहना चाहिए।

क्यों इसे कम रखना है जरूरी

शरीर में यूरिक एसिड का बढ़ना मोटापे व उच्च रक्तचाप को बढ़ाने के साथ शुगर और हृदय रोगों की आशंका को भी बढ़ाता है। शोध कहते हैं कि सामान्य लोगों की तुलना में जिन लोगों में यूरिक एसिड अधिक होता है, उनमें डायबिटीज होने की आशंका बढ़ जाती है। गाउट गठिया होने पर जोड़ों के हिस्से में सूजन आ जाती है, खासतौर पर टखने में सूजन व दर्द के कारण चलना मुश्किल हो जाता है। होता यह है कि जोड़ों पर यूरिक एसिड क्रिस्टल के रूप में जमने लगता है, जिसके कारण एक या दो से अधिक जोड़ों में लाली, सूजन, गरमाहट व दर्द रहने लगता है। त्वचा पर भी काले धब्बे पड़ने लगते हैं। मशरूम, पालक व हर तरह की दाल का सेवन कम करें। मशरूम, पालक व हर तरह की दाल का सेवन कम करें। अधिक फाइबर वाली चीजें खाएं।


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