एनजीटी ने लौटाई शिमला की रिपोर्ट

By: Feb 1st, 2017 12:01 am

कमेटी के सभी सदस्यों को हस्ताक्षर करने के दिए आदेश

शिमला  – पहाड़ों की रानी शिमला में हो रहे बेतरतीब निर्माण पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को कमेटी ने जो रिपोर्ट भेजी थी उसे एनजीटी ने वापस भेज दिया है। सूत्रों का कहना है कि रिपोर्ट पर कमेटी के सभी सदस्यों के हस्ताक्षर नहीं थे, जिसके चलते एनजीटी ने इसे अधूरा बताते हुए  सभी सदस्यों के हस्ताक्षर के साथ दोबारा सबमिट करने के आदेश दिए हैं। शिमला में कैरिंग कैपेसिटी को लेकर करीब चार माह पूर्व ही कमेटी ने अपनी रिपोर्ट एनजीटी को दी थी। इस मामले को लेकर अब एनजीटी ने रिपोर्ट ही वापस लौटा दी है। दरअसल एनजीटी ने शिमला में हो रहे बेतरतीब निर्माण को लेकर चिंता जाहिर करते हुए शिमला की कैरिंग कैपेसिटी को लेकर रिपोर्ट मांगी थी। इस मामले पर गठित कमेटी को दिसंबर, 2015 तक अपनी रिपोर्ट देने के लिए कहा था, लेकिन  यह रिपोर्ट तय समय में नहीं बन पाई थी। इसके बाद कमेटी ने रिपोर्ट सबमिट करने के लिए कुछ और समय की मोहलत एनजीटी से मांगी थी। सूत्रों का कहना है कि कुछ समय पहले एनजीटी ने शिमला और उसके आसपास के क्षेत्रों में निर्माण पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने तक की सिफारिश की थी। हालांकि कमेटी के कुछ सदस्यों का तर्क था कि विकास को देखते निर्माण पर रोक समस्या का समाधान नहीं है। हालांकि कमेटी को छह हफ्ते के भीतर अपनी रिपोर्ट देनी थी, लेकिन इसमें लंबा समय लग गया। गौर हो कि योगेंद्र मोहन सेन गुप्ता की याचिका पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने कमेटी गठित करने के आदेश जारी किए थे, लेकिन समय पर रिपोर्ट तैयार नहीं हो पाई थी।


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