नक्शा जमा कराने की तारीख बढ़ेगी

By: Mar 18th, 2017 12:05 am

शिमला  – भवन नियमितीकरण के लिए लगाई गई शर्तों की जटिलताओं को केवल नगर निगम शिमला के मर्ज्ड एरिया के भवन मालिक ही नहीं ,बल्कि शिमला शहर के आसपास टीसीपी के दायरे में आने वाले ग्रामीण क्षेत्र जिला के अन्य कस्बों और अन्य जिलों के लोग भी समझने लगे हैं। इसका आभास तब हुआ जब शुक्रवार को शिमला, ठियोग, रामपुर, रोहड़ू नगर निकायों और सोलन से लगभग एक हजार लोगों का जनप्रतिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिलने विधानसभा पहुंचा। उपनगरीय जन कल्याण समन्वय समिति के बैनर तले इन क्षेत्रों के भवन मालिक विधानसभा में एकत्र हुए और दोपहर बाद मुख्यमंत्री से मिले। समिति की ओर से मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी मांगे दोहराई गई, जिनमें मर्ज्ड एरिया और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए भवन नियमितीकरण में एकमुश्त राहत देने की मांग मुख्य थी। मुख्यमंत्री ने समिति को स्ट्रक्चर स्टेबिलिटी सर्टिफिकेट नियमितीकरण की फीस की दरों में रियायत देने का आश्वासन दिया। उन्होंने नक्शा जमा करने की तिथि 30 मार्च से आगे बढ़ाने के लिए भी हामी भरी। मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद समन्वय समिति के अध्यक्ष चंद्रपाल मेहता ने प्रतिनिधिमंडल में आए लोगों से अपील की कि वे सरकार के अगले आदेश आने तक अपने नक्शे या नियमितीकरण से संबंधित कोई भी दस्तावेज टीसीपी को न जमा करवाएं। समिति के सचिव गोविन्द चतरान्टा ने जानकारी दी कि समिति की अगली बैठक 23 मार्च को कालीबाड़ी शिमला में होगी। चतरांटा ने कहा कि इस बैठक से पहले जल्दी ही उनका एक प्रतिनिधिमंडल टीसीपी के उच्चाधिकारियों से मिलेगा। उपनगरीय जन कल्याण समन्वय समिति ने स्पष्ट किया है कि वे अपना आंदोलन तब तक नहीं रोकेंगे जब तक आश्वासन कागजों पर न आ जाए और उस पर सरकार की हामी की मोहर न लग जाए। समिति ने भवन मालिकों को भी चेताया कि अगर सरकार की तरफ से एक समयबद्ध तरीके से कोई फैसला नहीं आता तो वे संघर्ष के लिए भी तैयार रहें। समिति के उपाध्यक्ष कंवर भूपेंद्र सिंह ने कहा कि यह सिर्फ  शिमला या इसके आसपास बसे क्षेत्रों का नहीं है, बल्कि प्रदेश के उन सभी षहरी क्षेत्रों और उन ग्रामीण क्षेत्रों का भी है जो टीसीपी के अंतर्गत आ चुके हैं। उन सभी क्षेत्रों के भवन मालिकों को टीसीपी के मनमाने नियमों का सामना करना पड़ेगा इसलिए अगर नियमों में बदलाव नहीं आता है ,तो समिति इस आन्दोलन को प्रदेश के अन्य हिस्सों में ले जाने पर भी विचार करेगी।


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