झील में मरीं मछलियों का होगा पोस्टमार्टम

By: Apr 22nd, 2017 12:01 am

रिवालसर —  ऐतिहासिक रिवालसर झील में मछलियों के मरने का क्रम जारी है। शुक्रवार को भी झील से 20 क्विंटल से अधिक मरी हुई मछलियों को झील से निकाला गया है। वहीं झील में जहर घोलने की प्राथमिकी दर्ज होने के मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन ने मरी मछलियों का पोस्टमार्टम करवाने का निर्णय लिया है। इसके लिए पशु औषधालय रिवालसर के डाक्टर को अधिकृत किया है। प्रशासन के आदेशों पर अब मत्स्य विभाग मछलियों को ब्यास में शिफ्ट करेगा। बता दें कि रिवालसर झील में अब 27 टन से अधिक मछलियां मर चुकी हैं, जिन्हें दबा दिया गया है। झील के पानी में आक्सीजन की कमी, अत्यधिक गाद और मछलियों की ज्यादा संख्या के कारण ऐसा हुआ है। शुक्रवार को नगर पंचायत में अतिरिक्त दंडाधिकारी विवेक चंदेल की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में झील में मरी मछलियों के निकालने के कार्य पर भी समीक्षा हुई, जिसमें सभी अधिकारियों को कार्य में तेजी लाने को कहा गया। एडीएम मंडी ने झील का पूरा मुआयना कर पूरे झील परिसर का निरीक्षण किया। विवेक चंदेल ने बताया कि प्रशासन की ओर से झील में मरी मछलियों को निकालने का कार्य युद्ध स्तर पर चलाया गया है। वहीं मंडी के सांसद रामस्वरूप शर्मा ने पवित्र रिवालसर झील में लाखों मछलियों की मौत पर जांच करने की मांग की है। सांसद ने कहा कि  मछलियों की मौत कैसे हुई और किसकी लापरवाही से हुई, इसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि झील कैसे प्रदूषण युक्त हुई इसकी जांच होनी चाहिए।

सरकार ने गठित की कमेटी

शिमला — रिवालसर झील में हजारों की संख्या में मछलियों के मरने की दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना का जायजा लेते हुए प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक एक्वाफायर पर संभावित प्रतिकूल प्रभाव पड़ने के मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है। समिति के अध्यक्ष मंडी के वनमंडलाधिकारी होंगे तथा एचपीएसपीसीबी बिलासपुर के पर्यावरण अभियंता, सहायक मत्स्य निदेशक मंडी समिति के सदस्य होंगे, जबकि विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण राज्य परिषद के मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी वर्ग-1 कमराजा कैस्थ इसके सदस्य सचिव होंगे।


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