ड्रेस कोड की शर्त हरगिज मंजूर नहीं

By: May 17th, 2017 12:01 am

हमीरपुर— हिमाचल प्रदेश विज्ञान अध्यापक संघ ने शिक्षकों के लिए डे्रस कोड के नियम का विरोध किया है। संघ ने सरकारी स्कूलों के अध्यापकों पर अनावश्यक दबाव बनाने का आरोप लगाया है। संघ का मानना है कि आए दिन अधिकारियों द्वारा मीडिया के जरिए ‘नपेंगे मास्टर’, ‘कामचोर’ और ‘भगौड़े टल्ली गुरुजी’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर अध्यापकों का मजाक बनाया जा रहा है। प्रदेश सरकार को सरकारी स्कूलों और अध्यापकों की छवि को कलंकित करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। संघ के कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष मनोज पाल सिंह परिहार ने कहा कि सरकार को अध्यापकों की योग्यता व कर्त्तव्यनिष्ठा पर विश्वास होना चहिए। डे्रस कोड, बायोमीट्रिक मशीनों व निगरानी कैमरे आदि की शर्तें शिक्षकों पर थोपी जा रही हैं। सरकार और शिक्षा विभाग को शिक्षा से संबंधित योजनाएं बनाते समय शिक्षक और संघों को विश्वास में लेना सीखना होगा। संघ का सुझाव है कि स्कूलों में पर्याप्त स्टाफ दिया जाए, शिक्षकों से गैर शिक्षण कार्य न लिया जाए। संघ के अध्यक्ष अजय शर्मा, महासचिव अमृत महाजन, शालू परमार, सुरेंद्र कश्यप, अशोक चौधरी, केवल सिंह, सुशील चौहान, नरेंद्र, भीम सिंह ठाकुर मंडी, नरेश ऊना, दीप गौतम सोलन, सुखजिंद्र कांगड़ा, गणेश नेगी किन्नौर,  सिकंदर ठाकुर कुल्लू, चेयरमैन रणधीर सिंह, प्रवीन सिंह, राजीव राठौर चंबा,  मोहन शर्मा सिरमौर, मुकेश व दीपेश शर्मा आदि ने ड्रेस कोड का विरोध किया है।

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