फसल अवशेष न जलाएं किसान

By: May 3rd, 2017 12:02 am

दामला के चरण सिंह विवि में समझाए फान जलाने के नुकसान

यमुनानगर— चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय के स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र दामला द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन विषय पर किसानों को फसल अवशेषों के प्रति जागरूक करने के लिए अभियान चलाया गया। इस अभियान का उद्देश्य किसानों, स्कूली बच्चों व जनमानस को फसल अवशेष जलाने से होने वाले नुकसान व फसल अवशेषों का सदुपयोग करने के प्रति जागरूक किया गया। कृषि विज्ञान केंद्र दामला के संयोजक एवं प्रधान वैज्ञानिक डा. बीआर कांबोज ने बताया कि फसल अवशेष अभियान के तहत गांव दामला, साबापुर, तपड़ापुर, हरिपुर, धौड़ग, बकाना, फतेहपुर, खुर्दी व बरहेड़ी के किसानों व स्कूलों में बच्चों को फसल अवशेषों के बारे में विस्तार से जानकारी देने व उन्हें जागरूक करने के लिए अभियान चलाया गया। उन्होंने अभियान के दौरान किसानों व स्कूली बच्चों को बताया कि फसल अवशेषों को आग लगाने से न केवल भूमि की उर्वरा शक्ति कम होती है, बल्कि वातावरण में कार्बन डाईआक्साइड, मोनो आक्साइड व अन्य विषैली गैसों में बढ़ोतरी होती है, जिसकी वजह से हमारे स्वास्थ्य पर इन विषैली गैसों का असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि फसल अवशेषों को आग लगाना दंडनीय अपराध है और हमें हर कीमत पर अपनी धरती माता की रक्षा करनी चाहिए। डा. बीआर कांबोज ने कहा कि 28 मार्च को खंड रादौर के गांव बकाना में फसल अवशेष प्रबंधन पर एक किसान मेले का आयोजन किया। इस किसान मेले में फसल अवशेष न जलाने पर जोर दिया गया था। उन्होंने कहा कि फसल अवशेष न जलाने से भूमि में अवश्य सुधार होगा, बल्कि फसलों में होने वाले नुकसान व लागत को भी कम किया जा सकता है। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र दामला में निबंध व स्लोगन प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। इन प्रतियोगिताओं में लगभग 28 स्कूलों के बच्चों ने भाग लिया और फसल अवशेष प्रबधंन पर अपने विचार भी रखे।

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