सरकारी स्कूलों में कम हुई छात्रों की संख्या
गगरेट — सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की लगातार कम होती जा रही संख्या के बीच मुख्यमंत्री आदर्श स्कूल योजना का संचालन ही धड़ाम से औंधे मुंह नहीं गिरा है बल्कि जिन स्कूलों को मुख्यमंत्री आदर्श स्कूल योजना के तहत चिन्हित किया गया था, उन्हीं स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या इस शैक्षणिक सत्र में पिछले शैक्षणिक सत्र की तुलना में गिर गई है। सरकार द्वारा इस शैक्षणिक सत्र से स्कूलों में मुख्यमंत्री आदर्श स्कूल योजना शुरू न कर पाना शिक्षा विभाग की नालायकी ही नहीं, बल्कि इन स्कूलों में विद्यार्थियों की गिरती संख्या ने भी बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधर सके, इसके लिए प्रदेश सरकार ने प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के दो स्कूलों को मुख्यमंत्री आदर्श स्कूल योजना के तहत चिन्हित किया था। इस योजना के तहत जो स्कूल चिन्हित किए गए, उनकी संस्तुति स्थानीय विधायकों ने ही की थी। इन स्कूलों में आधारभूत ढांचा विकसित करने के साथ छठी कक्षा से लेकर दस जमा दो तक अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा उपलब्ध करवाने का प्रस्ताव था। प्रदेश सरकार ने इस शैक्षणिक सत्र से इस योजना को लागू करने का भी ऐलान किया था। नया शैक्षणिक सत्र तो शुरू हो गया, लेकिन मुख्यमंत्री आदर्श स्कूल योजना धरातल पर ही नहीं उतर पाई। खास बात यह है कि जो स्कूल इस योजना के तहत चिन्हित भी किए गए वहां पिछले शैक्षणिक सत्र की तुलना में इस बार विद्यार्थियों की संख्या नीचे गिर गई। जाहिर है कि लोगों का लगातार सरकारी स्कूलों से मोह भंग होता जा रहा है। हो भी क्यों न, हाल ही में प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा घोषित किए गए दसवीं व दस जमा दो के वार्षिक परीक्षा परिणाम में जिला के एक भी सरकारी स्कूल का विद्यार्थी मैरिट सूची में स्थान ही नहीं बना पाया। हालांकि जिला के निजी स्कूल इस मामले में बाजी मार गए। विधानसभा क्षेत्र गगरेट के अंतर्गत मुख्यमंत्री आदर्श स्कूल योजना के तहत चिन्हित किए गए अंबोटा स्कूल में छठी कक्षा से लेकर दस जमा दो तक विद्यार्थियों की संख्या जहां पिछले शैक्षणिक सत्र में 652 थी, वहीं इस बार यह कम होकर छह सौ रह गई है। मुबारिकपुर स्कूल में पिछले साल जहां साढ़े पांच सौ विद्यार्थी थे तो वहीं इस साल यह आंकड़ा 520 पर टिक गया है। विधानसभा क्षेत्र चिंतपूर्णी के तहत चिन्हित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल अंब में पिछले साल विद्यार्थियों की संख्या 570 थी वहीं इस साल यह आंकड़ा 506 रह गया है। विधानसभा क्षेत्र हरोली के अंतर्गत राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल सलोह में पिछले साल विद्यार्थियों की संख्या 626 थी तो वहीं इस साल यह संख्या 575 पर आकर रुक गई है। जाहिर है कि कहीं न कहीं शिक्षा विभाग को भी आत्म मंथन की जरूरत है। चाहिए तो यह था कि कम से कम इन स्कूलों का आंकड़ा बढ़ता क्योंकि इन स्कूलों को मुख्यमंत्री आदर्श स्कूल के तहत प्रचारित किया गया था।
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