भुंतर में आठ वर्षीय बच्ची की हत्या पर हाई कोर्ट सख्त

By: Jul 26th, 2017 12:01 am

सरकार से तीन दिन में मांगी स्टेटस रिपोर्ट

शिमला, कुल्लू – देव भूमि कहलाने वाला हिमाचल अब हैवानियत की हदें पार कर चुका है। कोटखाई रेप और मर्डर प्रकरण के बाद अब कुल्लू में आठ वर्षीय लड़की के साथ रेप और मर्डर का मामला सामने आया है। देवघाटी कुल्लू में आठ वर्षीय बच्ची के साथ रेप किया गया और उसके बाद उसकी हत्या कर दी गई। प्रदेश हाई कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश अजय मोहन गोएल की खंडपीठ ने राज्य सरकार से तीन दिनों के भीतर स्टेटस रिपोर्ट तलब की है। अदालत ने दैनिक समाचार पत्र में छपी खबर पर संज्ञान लिया है। खबरों के अनुसार 29 अप्रैल को बच्ची भुंतर स्थित ट्रक यूनियन के समीप झुग्गी-झोंपड़ी से बाजार की तरफ गई, लेकिन शाम ढलने तक भी  नहीं लौटी। परिवार के लोगों ने बच्ची की तलाश हरसंभव स्थान पर की, लेकिन जब कहीं कोई सुराग नहीं मिला तो बच्ची के मां-बाप पुलिस थाना भुंतर पहुंचे  शिकायत मिलते ही पुलिस बच्ची की तलाश में जुट गई। अगले दिन बच्ची ब्यास किनारे खून से लथपथ हालात में मिली थी और अस्पताल पहुंचने पर उसने दम तोड़ दिया था। 15 जुलाई को खबर छपी कि अढ़ाई महीने से खुले में घूम रहे रेप और हत्या के आरोपी। इस खबर के अनुसार भुंतर में इस कांड को लेकर लोगों में आक्रोश है। छात्रा को इनसाफ दिलाने के लिए लोग सड़कों पर उतरे और पुलिस और प्रशासन के लिए लोगों का गुस्सा फूटा। अदालत ने मामले की आगामी सुनवाई 28 जुलाई को निर्धारित की है।

कब्रिस्तान में अवैध निर्माण का निरीक्षण करने के आदेश

शिमला — नूरपुर के कब्रिस्तान में अवैध निर्माण के मामले में प्रदेश हाई कोर्ट ने एसडीएम नूरपुर को आदेश दिए हैं कि वह कब्रिस्तान का निरीक्षण करे और अवैध निर्माण के बारे अदालत के समक्ष रिपोर्ट  दायर करे। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश अजय मोहन गोएल की खंडपीठ ने स्थानीय लोगों द्वारा मुख्य न्यायाधीश के नाम लिखे पत्र पर संज्ञान लिया है। पत्र में आरोप लगाया गया है कि कुछ बाहरी लोगों ने कब्रिस्तान पर अवैध निर्माण कर कब्जा किया हुआ है।  मामले की सुनवाई पहली अगस्त को निर्धारित की गई है।

ठेकों के बारे में दी जानकारी

शिमला — स्कूल, मंदिर और सड़क के नजदीक शराब के ठेके चलाए जाने के मामले में कमिश्नर आबकारी एवं कराधान विभाग ने हाई कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार द्वारा  18 अप्रैल को जारी अधिसूचना के तहत 17 सड़कों को मुख्य जिला मार्ग घोषित किया गया है। अदालत को यह भी बताया गया कि प्रदेश भर में सभी शराब के ठेके सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुरूप 220 मीटर के बाहर चलाए जा रहे हैं। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश अजय मोहन गोएल की खंडपीठ ने इस शपथपत्र से असहमति जताते हुए प्रधान सचिव आबकारी एवं काराधान विभाग को अदालत के समक्ष तलब किया था और उसे आदेश दिए कि वह इस बारे निरीक्षण करें और अपने निजी शपथपत्र से अदालत को अवगत करवाए।

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