ऊना —  ऊना में दशकों पुराने तहसील भवन को नया ठिकाना नहीं मिल पाया है। लंबे समय से ऊना तहसील का कार्यालय जर्जर भवन में ही चल रहा है, लेकिन इस ओर कोई भी उचित कदम नहीं उठाए गए हैं। अपनी बदहाली के आंसू बहा रहे इस भवन को सरकार की नजर-ए-इनायत की जरूरत है,

बंगाणा —  उपमंडल बंगाणा के तहत राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक सन्हाल के भवन की छत से पानी टपकना शुरूहो गया है। इससे स्कूल में बच्चों का बैठना खतरे से खाली नहीं रह गया है और किसी भी समय कोई भी अनहोनी होने का अंदेशा बना हुआ है। स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष ओम प्रकाश ने बताया

सोलन  —  शहर के शामती क्षेत्र में हुए गोलीकांड ने आम आदमी की सुरक्षा पर सवालिया निशान लगा दिया है। यूपी-बिहार की  तर्ज पर कुछ गुंडे कार में बैठकर आते हैं और एक बाईक सवार को गोलियों से छलनी करके फरार हो जाते हैं। सोलन में पहली बार इस प्रकार की घटना हुई है जिसके

चंबा —  मिंजर मेले के दौरान चौगान में कारोबार सजाने की मियाद खत्म होने के बावजूद डेरा जमाए कारोबारियों की पुलिस ने मंगलवार को डंडे के बल पर दुकानदारी बंद करवाई। एसडीएम सदर राहुल चौहान व डीएसपी हैडक्वार्टर जितेंद्र चौधरी की अगवाई में पुलिस जवानों ने दोपहर बाद चौगान में पहुंचकर कारोबारियों को पैकअप कर

दफ्तर सरकारी है, तो हैं किसके। वहां बैठे अफसरों के। जनता के। या सियासी दलों के। प्रश्न इसलिए उठता है क्योंकि सरकारी भवनों की दुदर्शा की भांति निजी भवन कभी ऐसे नहीं नजर आते। शायद निजी भवन में किसी के खून-पसीने की गाढ़ी कमाई लगी होती है, तो फिर सरकारी भवनों पर किसकी कमाई और

कुल्लू —  जिला के सबसे दुर्गम गांव शाक्टी में पिछले 15 दिन से भू-स्खलन जारी है। मंदिर के साथ-साथ आधा दर्जन घरों को खतरा बना हुआ है। परिवार सहमे हुए हैं। हैरानी की बात यह है कि इतने दिनों से लगातार हो रहे भू-स्खलन के बाद प्रशासन का कोई भी अधिकारी जायजा लेने के लिए

शिमला — बिटिया व वन रक्षक को न्याय दिलवाने की मांग को लेकर बुधवार को बिटिया न्याय मंच और होशियार सिंह न्याय मंच द्वारा फिर से सचिवालय का घेराव किया जाएगा। सचिवालय घेराव से पहले शहर में एक विशाल रैली निकाली जाएगी। रैली उपायुक्त कार्यालय से छोटा शिमला तक निकाली जाएगी, जिसमें 25 विभिन्न सामाजिक

कुल्लू —  प्रदेश सरकार का स्कूल खोलने और अपग्रेड करने का क्या फायदा है। जहां पर स्कूल प्राकृतिक आपदा से क्षतिग्रस्त हो गए हैं या जर्जर हालत में हैं उनकी मरम्मत नहीं की जा रही है। नौनिहाल जान जोखिम में डालकर शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं। बच्चों के भविष्य और जिंदगी की सरकार को

अधिकांश लोग यह जानने के लिए प्रयत्नशील रहते हैं कि कल का मौसम कैसा होगा। यही कारण है कि सरकारी विभागों से लेकर मौसम विज्ञान की भविष्यवाणी करने वाली प्रयोगशालाओं, अंतरिक्ष विभाग और टेलीविजन चैनल पर मौसम विज्ञान एक अच्छे करियर का निमंत्रण दे रहा है। यदि आपको हवा, बादल, समुद्र, बरसात, धुंध-कोहरे, आंधी- तूफान

गांधीनगर— गुजरात में सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का बड़ा प्रश्न बनी अहमद पटेल की राज्यसभा सीट पर हुई वोटिंग का विवाद मंगलवार शाम होते-होते चुनाव आयोग में उलझ गया। खबर लिखे जाने