वार्ता का रास्ता

By: Nov 1st, 2017 12:02 am

(राजेश कुमार चौहान, सुजानपुर टीहरा )

‘घाटी में वार्ता का रास्ता’ लेख में कुलदीप नैयर ने केंद्र सरकार द्वारा कश्मीर समस्या पर वार्ताकार नियुक्त करने से भी इस समस्या के हल न निकलने की आशंका जाहिर की है। सबसे पहले तो यह कहना उचित होगा कि जो अलगाववादी पाकिस्तान के लालच में आकर घाटी का माहौल खराब कर रहे हैं, उन्हें सबसे पहले जम्मू-कश्मीर का असल इतिहास जानना चाहिए। पाकिस्तान के जुल्मों से अपनी प्रजा को बचाने के लिए घाटी के महाराजा हरि सिंह ने भारत से मदद की गुहार लगाई थी। तब भारत ने उनकी मदद की भी थी। अगर भारत ने उस समय भी मदद न की होती, तो आज घाटी के लोगों की जिंदगी नरक बनी होती। घाटी की समस्या का हल निकालने के लिए बेशक हर राजनीतिक पार्टी की सरकार ने कोशिश की है, लेकिन जब तक अलगाववादी और नापाक कट्टरपंथी भारत के प्रति अपनी संकीर्ण सोच नहीं बदलते, कश्मीर मसला सुलझेगा नहीं। अतः पहले इन लोगों को ही सुधारना चाहिए।


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