न रिफाइंड मौजूद, न कड़वा तेल

By: Feb 7th, 2018 12:01 am

प्रदेश के राशन डिपुओं से खाली हाथ लौट रहे उपभोक्ता

शिमला – प्रदेश के राशन डिपुओं से खाद्य तेल गायब हो गया है। फरवरी माह के पहला सप्ताह गुजर रहा है, लेकिन अभी भी राशन डिपुओं में तेल की सप्लाई नहीं पहुंची है। इसके चलते लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है। लोग डिपुओं से खाली हाथ घर लौट रहे हैं और उनको खाद्य तेल मंहगे दामों पर बाजार से खरीदना पड़ रहा है। राज्य के राशन के डिपुओं में इन दिनों खाद्य तेल लोगों को नहीं मिल रहा।  फरवरी माह की सप्लाई इन डिपुओं में नहीं पहुंची है। हालांकि प्रदेश सरकार ने राज्य के राशनकार्ड धारकों के लिए डिपुओं में सरसों के साथ-साथ रिफाइंड का तेल उपलब्ध करवाने का प्रावधान कर रखा है। इस तरह लोगों के सामने सरसों व रिफाइंड तेल खरीदने का विकल्प है और लोग अपनी मर्जी से इनमें से कोई भी तेल डिपुओं से खरीद सकते हैं। हिमाचल में अधिकांश उपभोक्ता सरसों के तेल को खरीदने में प्राथमिकता दे रहे हैं। यही वजह है कि डिपुओं में अधिक मात्रा में सरसों का तेल उपलब्ध करवाया जाता रहा है। लेकिन इन दिनों डिपुओं में न तो सरसों और न ही रिफाइंड तेल मिल रहा है। बताया जा रहा है कि सरकार ने खाद्य तेल के लिए नए टेंडर नहीं करवाए हैं, बल्कि पुराने टेंडरों पर इसके  आर्डर दिए  हैं, जिससे तेल पहुंचने में अभी वक्त लग सकता है। वहीं डिपुओं में तेल न होने से उपभोक्ताओं को बाजार से ही खाद्य तेल खरीदना पड़ रहा है। इससे गरीब व मध्यम वर्ग के लोगों की मुश्किलें बढ़ गई है। राज्य सरकार जहां राशन डिपुओं के माध्यम से सरसों का तेल 72 रुपए और रिफाइंड तेल 63 रुपए के हिसाब उपलब्ध करवा रही है, वहीं बाजार में ये तेल करीब डेढ़ गुणा से भी अधिक रेट पर खरीदना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि लोगों को महंगाई से राहत देने के लिए केंद्र सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत शनकार्डधारकों को चावल और गेंहूं काफी कम कीमत पर दे रही है। इसके अलावा हिमाचल सरकार ने अपने स्तर पर लोगों को महंगाई से राहत देने के लिए सबसिडी योजना लागू कर रखी है।


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