विधायक के पहुंचने से पहले वाटर टैंक साफ

By: Feb 6th, 2018 12:07 am

कंदरौर – कंदरौर के धार क्षेत्र में स्थित पेयजल टैंक में मरे हुए चूहे व पक्षी मिलने के सनसनीखेज खुलासे के बाद प्रशासनिक अमला हरकत में आ गया है। सोमवार को सदर विधायक सुभाष ठाकुर के साथ ही सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने धार का दौरा किया। हालांकि विधायक व अधिकारियों के पहुंचने से पहले ही टैंक से मृत चूहों व पक्षियों को वहां से हटाकर साफ कर दिया था। घटनास्थल का जायजा लेने के बाद विधायक ने इस घटना को राजनीति प्रेरित करार देते हुए वहां के लोगों पर ही इस टैंक का पानी पीने का ठिकरा फोड़ दिया। विभागीय अधिकारियों की मौजूदगी में उन्होंने कहा कि जिस टैंक में गंदगी की बात की जा रही है, उसे पहले ही बंद कर दिया है। ऐसे में वहां से किसी को कनेक्शन देने का सवाल ही पैदा नहीं होता। संबंधित परिवारों के लिए सार्वजनिक नल लगाया है। वहीं, संबंधित परिवारों का कहना है कि जब उनके लिए लगाए गए सार्वजनिक नल में भी पानी की बूंद तक नहीं टपकती तो उनके लिए और क्या विकल्प था। वहीं, इस मामले के खुलासे के बाद विधायक सुभाष ठाकुर ने संबंधित विभाग को उक्त परिवारों के लिए शीघ्र स्वच्छ पेजयल मुहैया करवाने के निर्देश जारी कर दिए हैं। गौर हो कि रविवार को कंदरौर के धार क्षेत्र में स्थित एक पेयजल टैंक में मरे हुए चूहे व पक्षी मिलने की खुलासा हुआ था। हालांकि विभाग द्वारा इस टैंक को पहले ही बंद कर दिया गया था, लेकिन इसके बावजूद वहां रहने वाले परिवार पेजयल किल्लत के चलते उसी टैंक का पानी पीने को बाध्य थे। टैंक में मरे हुए चूहे व पक्षी मिलने का यह खुलासा उस समय हुआ, जब पानी न आने के बाद ग्रामीण टैंक को चैक करने पहुंचे। टैंक के अंदर का नजारा देखकर लोगों के पैरों तले जमीन खिसक गई, क्योंकि पिछले कई दिनों से जिस टैंक का पानी वे पीने के लिए प्रयोग में ला रहे थे, उसमें चूहे व पक्षी मरे हुए थे। लोगों का कहना था कि कंदरौर पंचायत के प्रधान के समक्ष भी इस मामले को उठाया गया था, लेकिन इसके बावजूद उनकी इस समस्या पर किसी ने गौर तक नहीं किया। लोगों का यह भी आरोप था कि पानी की शिकायत करने पर संबंधित विभाग का कर्मचारी भी उन्हें पानी की सप्लाई नहीं देने की बात कहता था, लेकिन अब पानी सिर के ऊपर पहुंच गया तो उन्होंने इस मामले को प्रमुखता से उठाया। सोमवार को भी विधायक व विभागीय अधिकारियों के मौके पर पहुंचने से पहले ही टैंक में मृत पड़े चूहों व पक्षियों को वहां से हटाकर साफ कर दिया गया था। उधर, दूसरी ओर विभाग का कहना है कि जिस टैंक में मृत चूहे व पक्षी मिले हैं, उसे समय रहते ही बंद कर दिया गया है। इस टैंक में अलीखड्ड-रोहिण उठाऊ पेयजल योजना के तहत पानी की सप्लाई होनी थी, लेकिन करीब पंद्रह वर्ष पहले बनी यह योजना शुरू ही नहीं हो पाई। अधिकारियों का कहना है कि उक्त स्टोरेज टैंक से किसी को भी पेयजल आपूर्ति नहीं की जाती है और न ही किसी को यहां से कोई कनेक्शन दिया गया है। इस टैंक के साथ ही चार अतिरिक्त टैंकों का निर्माण किया गया है, जहां से पंचायत के गांवों का पानी दिया जाता है। बेशक लोगों को स्वच्छ पेयजल मुहैया करवाने के लिए विभाग द्वारा अतिरिक्त टैंकों का निर्माण किया गया है, लेकिन इस कार्रवाई में विभाग उन तीन परिवारों की सुध लेना भूल गया जो धार क्षेत्र के टॉप पर रहते हैं। इस टैंक को बंद कर अन्य गांवों के लिए पेयजल सप्लाई को बाइपास कर दिया गया। सार्वजनिक नल में पानी आता नहीं है। ऐसे में उन लोगों के लिए इस टैंक का पानी पीने के सिवाए और कोई चारा ही नहीं था। इसी का नतीजा रहा कि गंदे पानी के उपयोग के कारण ही इन परिवारों के करीब सात सदस्य उल्टी व दस्त जैसी जानलेवा बीमारी का शिकार हो गए।


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