पितरों को जगाने जा रहे थे, खुद ही सो गए
ठियोग हादसे में छह जनों का परिवार बन गया काल का ग्रास, खोलगली में पहले भी हुए हैं हादसे
ठियोग – पितरों को खुश करने जा रहा सुन्नी तहसील के झड़ोग गांव परिवार खुद ही काल का ग्रास बन गया। लक्ष्मीचंद अपने दो भाइयों कमल चंद व हेतराम सहित उनकी दो पत्नियों व एक बेटे को लेकर रविवार को ठियोग के क्यार में एक मशाणिएं के पास पितरों को जगाने जा रहे थे कि सड़क हादसे में सभी हमेश के लिए सो गए। मरने वालों में लक्ष्मी सिंह उसका भाई कमल चंद व हेतराम के अलावा हेतराम की पत्नी तृप्ता व कमल की पत्नी मीरा देवी शामिल हैं, जबकि कमल का 23 वर्षीय बेटा जयकिशन भी उनके साथ कार में सवार था और वह भी हादसे का शिकार हुआ। बताया जा रहा है कि ये सभी घर में पितरों के किसी दोष के निवारण को लेकर मशाणिएं के पास जा रहे थे। क्यार में रविवार झरंगू राम सहित दो तीन मशाणिएं पितरों को जगाने का काम करते हैं, जिनके पास रविवार को दूर-दूर से लोग आते हैं। इसी काम को लेकर ये सभी झरंगू के पास अपने पितरों को पूछने आ रहे थे कि खुद ही मौत का ग्रास बन गए। खोलगली में जिस जगह पर हादसा हुआ है, यहां पहले भी कई लोग हादसे में मारे जा चुके हैं, लेकिन इस जगह तीखे मोड़ को ठीक करवाने को लेकर न तो विभाग ने कोई कारवाई की और न ही प्रशासन ने विभाग पर सड़क को ठीक करवाने का दबाव बनाया। रविवार को हुए हादसे ने एक पूरे परिवार को लील लिया, जिनके पीछे अब शायद चिता को अग्नि देने वाला ही कोई बचा हो। झोगड गांव में एक ही परिवार के छह लोगों की मौत को लेकर मातम का माहौल बताया जा रहा है और गांव वाले भी चीख-चीखकर इस हादसे पर भगवान का कोस रहे हैं।
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