बिलासपुर-हमीरपुर में विजिलेंस ने मारा छापा

By: May 4th, 2018 12:20 am

भारी भलेड़ा पेयजल योजना में 80 हजार का घोटाला

हमीरपुर— आईपीएच विभाग हमीरपुर के तहत अनुभाग लंबलू की भारी भलेड़ा उठाऊ पेयजल योजना के वायरिंग कार्य में हुए कथित घोटाले में विजिलेंस टीम द्वारा फिर से दबिश देने की सूचना है।  प्रारंभिक जांच में की रिपोर्ट में लगभग 80 हजार का घोटाला सामने आया है। हालांकि विजिलेंस की ओर से इस मामले में कोई भी टिप्पणी करने से गुरेज किया जा रहा है। इस मामले में काफी पहले एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। सूत्र बताते हैं कि टेक्निकल विद्युत विभाग की जांच कमेटी के मुखिया संबंधित विभाग के सहायक अभियंता सुरेश कपूर तथा विजिलेंस विभाग के आईओ सुनील दत ने भी मौके पर पहुंचकर इस मामले में जांच पड़ताल की है। विजिलेंस टीम सहित अन्य अधिकारियों के यहां आने की पुष्टि पंचायत प्रधान लंबलू ओमप्रकाश ने की है। बताते हैं कि लंबे समय से भारी भलेड़ा पेयजल योजना और चमनेड़ वाटर टैंक के वायरिंग कार्य में हजारों रुपए के घोटाले को लेकर चल रही जांच के चलते विजिलेंस टीम के साथ आईपीएच विभाग और इलेक्ट्रिकल विभाग की टेक्निकल जांच कमेटी के सदस्यों ने गुरुवार को मौके पर पहुंच कर जांच पड़ताल की। विभागीय अधिकारियों के साथ विजिलेंस टीम के सदस्यों ने पुराने भारी भलेड़ा पेयजल योजना से उठाए जाने वाले पंप हाउस में की गई विद्युत वायरिंग की जांच की।  इस बारे में शिकायतकर्ता पंचायत प्रधान ओम प्रकाश प्रधान ने बताया कि वह अपनी शिकायत को लेकर किसी भी अधिकारी या राजनीतिक हतक्षेप के चलते समझौता नहीं करेंगे। जनता के सामने दूध का दूध व पानी का पानी उजागार होना चाहिए। ताकि हजारों एवं लाखों रुपए के घोटाले के संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों को इसकी सजा मिल सके।

मलोथी मिल्क क्लेक्शन सेंटर से दूध के सैंपल भरे

मलोखर— जिला बिलासपुर में जलागम विकास परियोजना के सौजन्य से स्थापित जिला की दूध उत्पादन क्षेत्र की अग्रणी संस्था के मिल्क क्लेक्शन सेंटर मलोथी पर गुरुवार सुबह करीब 4 बजे शिमला से आई विजिलेंस, मिल्कफैड और हैल्थ डिपार्टमेंट के कर्मचारियों की संयुक्त टीम ने रेड की। इस मौके पर टीम ने दूध की क्वालिटी की भी जांच परख की। यह कार्यवाही प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा एक शिकायत पत्र पर संज्ञान लेने के बाद प्रदेश सरकार से की गई जबावतलबी के आधार पर की गई है। टीम ने यह कार्रवाई उस समय की है,जब संबंधित मिल्क क्लेक्शन सेंटर पर दूध एकत्रित किया जा रहा था। इस पत्र में दूध की गुणवत्ता की जांच परख के उपकरणों में कथित तौर पर छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया गया है। उच्च न्यायालय ने इस मामले पर प्रदेश सरकार को आठ मई को जवाब देने के आदेश दिए हैं। सूचना है कि संबंधित विभागों की इस टीम द्वारा दूध की गुणवत्ता को जांचने के उपकरणों की जांच के साथ ही दूध के सैंपल आदि भी चैक किए हैं। बताया जा रहा है कि टीम के सदस्यों ने दूध का सैंपल लेने के साथ ही दूध की गुणवत्ता को जांचने में काम आने वाले एसिड एल्कोहल को भी चैक किया। टीम अपने साथ सारे सैंपल ले गई है, जिनकी अब लैब में टेस्टिंग की जाएगी। पत्र में कहा गया है कि संस्था अपने लैक्टोमीटर द्वारा दूध के फैट को कम दर्शाता है और इस कारण किसानों उनके दूध का दाम भी कम दिया जाता है।

अपने सपनों के जीवनसंगी को ढूँढिये भारत  मैट्रिमोनी पर – निःशुल्क  रजिस्ट्रेशन!


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App