10वीं के टॉप-10 में 42 बेटियां

By: May 4th, 2018 12:20 am

टॉप-5 में सिर्फ एक लड़का

सिर्फ 16 छात्र ही टापर्ज में

सरकारी स्कूल छह पर सिमटे

फिर सवालों के घेरे में सरकारी स्कूल

धर्मशाला— दसवीं की वार्षिक परीक्षाओं में प्राइवेट स्कूलों का दबदबा रहा है, जबकि मात्र राज्य भर में पहले स्थान में एक सरकारी स्कूल की छात्रा ने कब्जा करते हुए लाज बचाने का काम किया है। राज्य भर की जारी मेरिट सूची में 58 छात्रों ने स्थान अर्जित किया है। लिस्ट में इस बार सरकारी स्कूल गायब हो गए हैं। प्राइवेट स्कूलों के छात्रों ने एकाधिकार कब्जा करते हुए 52 स्थानों पर कब्जा किया है, जबकि सरकारी स्कूलों के खाते में मात्र छह ही छात्र आए हैं। ऐसे में अब केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा करोड़ों रुपए सरकारी स्कूलों पर खर्च किए जाने पर भी कई सवाल उठने लगे हैं। अध्यापकों की कार्यप्रणाली और सरकारों की अध्यापकों पर कार्य थोपने पर गैर-शैक्षणिक कार्य थोपने की प्रक्रिया भी बड़े सवालों के घेरे में आ गई है। सरकारी स्कूल में से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला करसोग की छात्रा प्रितांजलि सेन ने स्थान बनाया है। साथ ही प्राइवेट में सरस्वती विद्या मंदिर चुराग की अनविक्षा ने भी 690 अंक लेकर अपना स्थान बनाया है। ऐसे में पहले स्थान को लेकर प्राइवेट और सरकारी स्कूल का मुकाबला टाई पर छूटा है, लेकिन अन्य नौ स्थानों में प्राइवेट स्कूलों के छात्रों ने सरकारी को कहीं भी टिकने नहीं दिया है। ऐसे में सरकारी स्कूलों में करोड़ों रुपए खर्च कर दी जाने वाली सुविधाओं पर बड़े सवाल उठ रहे हैं। सरकारी अध्यापकों को प्राइवेट के मुकाबले ज्यादा वेतन भी दिया जा रहा है। बावजूद इसके परिणामों में सरकारी स्कूल अधिक संख्या में फिसड्डी साबित हो रहे हैं। सरकारी स्कूलों में मुफ्त किताबें, वर्दी, बैग, खाना सहित मुफ्त शिक्षा तो प्रदान की जा रही है, लेकिन अब गुणवत्तावपूर्ण शिक्षा न होने से प्राइवेट स्कूल अधिक हावी होते हुए नजर आ रहे हैं।

…और एक बार फिर कर दिखाया 

58 टॉपर

धर्मशाला— स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा घोषित दसवीं के परिणाम में एक बार फिर देवभूमि की बेटियों की बल्ले-बल्ले हो गई है। दसवीं की जारी मैरिट में कुल 58 स्थानों में 42 में कुडि़यों ने एकाधिकार करते हुए बाजी मारी है, जबकि छात्रों के हिस्से में मात्र 16 ही स्थान आ पाए हैं। प्रदेश भर में पहले पांच स्थानों में भी 15 लड़कियों ने कब्जा किया है। पहले, दूसरे, तीसरे, चौथे और पांचवें स्थान पर बेटियां शान से विराजमान हुई हैं। एक मात्र दूसरे स्थान पर ही लड़का स्थान बनाने में कामयाब हो सका है। इससे पहले जमा दो के परीक्षा परिणाम में कुल 80 टॉप छात्रों में से 48 ने बेटियों ने ही बाजी मारी थी, जबकि मात्र 32 ही स्थानों पर लड़के स्थान बना पाए थे। जिला मंडी की दो बेटियों ने संयुक्त रूप से पहला स्थान प्राप्त किया है। करसोग की प्रीतांजलि सेन 690 अंक और सरस्वती विद्या मंदिर चुराग की अनविक्षा ने भी 690 अंक प्राप्त करके पहला स्थान प्राप्त किया है।

सोलन से कोई टॉप- 10  में नहीं

सोलन — दसवीं के परिणाम में सोलन जिला के दस हजार छात्रों में से एक भी छात्र टॉप-10 में जगह नहीं बना पाया है।  टॉप-10 की सूचि से सोलन जिला बाहर होने के बाद सरकारी-निजी स्कूलों में दी जा रही शिक्षा की गुणवत्ता पर भी सवालिया निशान लग गया है। कई साल के बाद यह पहला मौका है, जब सोलन से एक भी छात्र टॉप-10 में नहीं आया है।  ऐसी क्या वजह रही रही कि एक भी छात्र जिला का नाम रोशन नहीं कर पाया। हालांकि जमा दो की परीक्षा में सात छात्र टॉप-10 में शामिल थे। अचानक दसवीं कक्षा के परिणामों में टॉपर का आंकड़ा जीरो पर आ गया है। शिक्षा उपनिदेशक पूनम सूद का कहना है कि जिला के सरकारी स्कूलों में बेहतरीन शिक्षा दी जा रही है। हो सकता है कि बहुत कम अंकों के अंतर से छात्र टॉप-10 की सूचि में शामिल होने से चूक गए हों।

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