परिवहन निगम में फंसे दो हजार करोड़

By: Jul 5th, 2018 12:20 am

धर्मशाला—हिमाचल पथ परिवहन निगम में राज्य सरकार के स्पेशल रोड टैक्स (एसआरटी) के रूप में लगभग दो हजार करोड़ रुपए फंस गए हैं। वर्ष 2008 के बाद लगभग दस वर्षों से एचआरटीसी ने रोड टैक्स ही जमा नहीं करवाया है, जिससे कि सरकार को हर वर्ष करोड़ों रुपए का चूना लग रहा है। बावजूद इसके पथ परिहवन निगम अब तक खामोश रहकर करोड़ों रुपए पर कुंडली मारकर बैठा है। दूसरी ओर प्रदेश सरकार मौजूदा समय में 46 हजार करोड़ रुपए के कर्जे के तले दबे हुई है। अब प्रदेश सरकार और अधिक कर्जा लेने की सोच रही है, लेकिन सरकार के तहत चलने वाले उपक्रम ही सरकारी खजाने को चूना लगा रहे हैं, जिसके कारण सरकारी खजाने पूरी तरह खाली हो गए हैं, और सरकार को अब कर्जे पर कर्जा उठाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। एचआरटीसी की शहरी निकायों द्वारा चलाए जाने वाली जेएनएनयूआरएम की 750 बसें जंग खा रही हैं। परिवहन निगम द्वारा राज्य के कोने-कोने में पहुंचकर लोगों को सुविधा दिए जाने का कार्य किया जा रहा है, तो वहीं प्रदेश सरकार को एचआरटीसी ने आफत में डाल दिया है। निगम दस साल से स्पेशल रोड टैक्स एसआरटी ही जमा नहीं करवा रहा। प्रदेश में बिना रोड टैक्स जमा करवाए सड़कों पर दौड़ रही एचआरटीसी अपने यात्रियों से हर टिकट बेचने पर एसआरटी और इंश्योरेंस के पैसे भी काटे जा रहे हैं, लेकिन टिकटों में कटने वाले पैसों के बावजूद निगम सरकार को एसआरटी टैक्स देने में परहेज कर रही है। निगम की सुविधानुसार ही सरकार और परिवहन निगम द्वारा समयसारिणी बसों को उपलब्ध करवाई जा रही है, जिससे निगम की बसें अधिक कमाई करने में भी सक्षम हो गई हैं, लेकिन एचआरटीसी प्रदेश सरकार और विभाग को चूना लगाकर अपना ही खजाना भरने का कार्य कर रही है, जिससे अब परिवहन विभाग भी सख्ते में आ गया है। 2008 से एसआरटी पर कुंडली मारने के  चलते अब दो हजार करोड़ के करीब निगम के पास ही फंस गया है।

750 नीली बसें फांक रही धूल

केंद्र सरकार की योजना के तहत जेएनएनयूआरएम की 750 बसें भी फंसी हुई हैं, जिससे हिमाचल में पथ परिवहन निगम से प्रदेश सरकार का खूब चूना लग रहा है। परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि लगभग दो हजार करोड़ रुपए एसआरटी टैक्स जमा ही नहीं करवाया है।


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