बिजली के लेन-देन में 11% नुकसान

By: Jul 2nd, 2018 12:15 am

सरकार के लिए चिंता का विषय, रोहड़ू-रामपुर में 22 फीसदी पहुंचा आंकड़ा

जिया (पालमपुर)— प्रदेश में इलेक्ट्रिक ट्रांसमिशन लॉस यानी एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने की प्रक्रिया में बिजली का नुकसान, औसतन 11 प्रतिशत का आंकड़ा छू रहा है। रोहडू और रामपुर क्षेत्रों में तो यह ग्राफ बढ़कर 22 फीसदी तक जा पहुंचा है। यह सरकार के लिए भी चिंता का विषय है और अब इसमें कमी लाने के प्रयासों पर काम किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार ऊर्जा विभाग ने प्रदेश में सर्किल वाइज ट्रांसमिशन लॉस के आंकड़े तलब किए हैं और इसका संज्ञान लेकर ट्रांसमिशन लॉस के आंकड़ों में कमी लाने की तैयारी की जा रही है। हालांकि राष्ट्रीय स्तर पर ट्रांसमिशन लॉस का आंकड़ा 14 प्रतिशत है, वहीं प्रदेश का ऊर्जा विभाग फिलवक्त इस ग्राफ को 11 प्रतिशत से नौ फीसदी तक लाने की योजना बना रहा है। ऊर्जा नीति में किए गए बदलावों से अब प्रदेश में ऊर्जा क्षेत्र की ओर अधिक संख्या में लोगों के आकर्षित होने की संभावना जताई जा रही है। नई ऊर्जा नीति में निवेशकों को फ्री पावर श्रेणी में राहत दी जाएगी। अब तक पावर प्रोजेक्टों से पहले 12 साल 12 प्रतिशत उसके बाद 18 साल 18 प्रतिशत और फिर 30 प्रतिशत फ्री पावर ली जाती थी, जबकि नई नीति में फ्री पावर का सिलसिला 12 साल बाद शुरू होगा और यह 12 फीसदी की दर पर ही टिका रहेगा।  प्रदेश की ऊर्जा नीति के चलते अनेक पावर प्रोजेक्ट 10-15 साल से अधर में ही लटके हैं और अब नीति में लाए गए बदलावों से इन प्रोजेक्टों के काम में भी तेजी आने की संभावना है, जिसका सीधा असर प्रदेश के बिजली उत्पादन पर होगा।

नई ऊर्जा नीति से बढ़ेगा उत्पादन

हिमाचल प्रदेश में 27 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता है, लेकिन फिलवक्त दस हजार पांच सौ मेगावाट का उत्पादन हो रहा है। नई ऊर्जा नीति से लोगों के आने से उत्पादन बढ़ेगा, वहीं सरकार ने छोटे पावर प्रोजेक्ट्स को प्रोत्साहित करने की सोच के तहत दस मेगावाट बिजली बोर्ड द्वारा खरीदे जाने की योजना भी बनाई है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App