नहीं बढ़ेगा स्कूल बस किराया

By: Sep 1st, 2018 12:05 am

विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री का आश्वासन अगली कैबिनेट में होगा पुनर्विचार

शिमला – मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि स्कूल बस किराया बढ़ोतरी का फैसला मंत्रिमंडल की अगली बैठक तक लागू नहीं होगा। पांच सितंबर को प्रस्तावित कैबिनेट की बैठक में किराया बढ़ोतरी पर पुनर्विचार किया जाएगा। इसके चलते कैबिनेट का फैसला आने तक शिमला शहर के प्राइवेट स्कूलों में एचआरटीसी पुरानी दरों पर बस किराया वसूलेगा। मुख्यमंत्री ने विधायक राकेश सिंघा की चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि हर मुद्दे पर राजनीतिक लाभ लेना ठीक नहीं है। ठियोग के विधायक राकेश सिंघा ने शिमला शहर में छात्रों के बस किराए की बढ़ोतरी को वापस लेने के नियम-62 के तहत सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पेश किया। राकेश सिंघा ने सरकार को चेतावनी दी कि किराए में बढ़ोतरी को वापस लेने का सदन में आश्वासन न मिलने पर वह अगले दिन से ही धरने पर बैठ जाएंगे। राकेश सिंघा ने कहा कि एचआरटीसी के बीओडी की नौ अगस्त को आयोजित बैठक में किराए बढ़ोतरी का फैसला जनता पर डाला गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एचआरटीसी की कई बसें प्राइवेट स्कूल में छात्रों के लिए लगाई गई हैं। इनके लिए एचआरटीसी ने पांच से दस किलोमीटर तक 600 से 900 रुपए, दस से बीस किलोमीटर के लिए 900 से 950 रुपए तथा बीस से तीस किलोमीटर के बीच 1000 से 1500 रुपए प्रतिमाह की दर से किराया निर्धारित किया है। इसी तरह तीस से चालीस किलोमीटर के लिए 1200 से 1800 रुपए का किराया वसूला जाएगा। राकेश सिंघा ने कहा कि प्राइवेट स्कूलों में पांच दिन पढ़ाई होती है। इसके अलावा अन्य सरकारी छुट्टियों के कारण महीने में छात्र 17 से 18 दिन स्कूल जाते हैं। इसके लिए सरकार ने पचास गुणा किराए की बढ़ोतरी कर शिमला शहर को हाशिए पर धकेल दिया है। विधायक ने कहा कि सरकारी स्कूलों में पर्याप्त अध्यापक नहीं हैं। इस कारण लोग निजी स्कूलों को प्राथमिकता दे रहे हैं। राकेश सिंघा ने कहा कि सरकार ने जनता की सहूलियत के लिए एचआरटीसी की बसें प्राइवेट स्कूलों के लिए तैनात की है, लेकिन एचआरटीसी की बीओडी को छात्रहित का ध्यान नहीं है। एचआरटीसी की इन बसों में अधिकतर छात्राएं सफर करती हैं। सरकार ने महिलाओं को किराए में पचास फीसदी छूट दी है, लेकिन प्राइवेट स्कूल  में एचआरटीसी बसों का किराया बढ़ा दिया है।  इसके बाद राकेश सिंघा के सवालों का जवाब देते हुए परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने एचआरटीसी की वित्तीय स्थिति से सदन को अवगत करवाया। उनका कहना है कि एचआरटीसी ने 2014 से 2017 के बीच 255 करोड़ ऋण लिया था। इससे 1275 नई बसें खरीदी गई हैं। इसके अलावा एचआरटीसी को 80 करोड़ की देनदारियां बाकी हैं। उनका कहना है कि हिमाचल में एचआरटीसी की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है। बावजूद इसके बेहतर सुविधाएं दी जा रही हैं।


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