वश्वा गांव में नहीं करना चाहता कोई शादी
शिलाई— गुलाम कादिर रौहिला की हकूमत से सिरमौर रियासत को मुक्त करवाने वाले नेगी नोतराम वंशज वश्वा गांव के गुल्दार आज सुख-सुविधाओं के अभाव से गुलाम हैं। विकास की दौड़ में पिछड़ना शिलाई क्षेत्र के वश्वा गांव के युवाओं के लिए अभिशाप बन गया है। वश्वा क्षेत्र में सड़क न होने की वजह से यहां के लड़के-लड़कियों से अच्छे पढ़े-लिखे लड़के लड़कियां शादी करना पसंद नहीं करते। कारण सड़क न होना है। अन्य गांव के लोग वश्वा गांव से कोई रिश्ता नहीं जोड़ना चाहते हैं और न ही यहां किसी समारोहों, उत्सवों और त्योहारों में आना पसंद करते हैं। आजादी के सात दशक बाद भी लगभग 1300 की आबादी वाला यह क्षेत्र आज भी सड़क सुविधा से महरूम है। सड़क सुविधा न होने के कारण इस गांव के युवाओं के रिश्ते होने में आ रही दिक्कतें हैरान ओर परेशान करने वाली हैं। पूर्व पंचायत प्रधान बलबीर नेगी व साधु राम वर्मा ने बताया कि इस गांव के लोग आज भी मीलों की खड़ी चढ़ाई पैदल ही तय करते हैं। कोई बीमार हो जाए तो उसे पीठ पर लादकर शिलाई पहुंचाना पड़ता है। यदि किसी गर्भवती महिला को प्रसव वेदना उठ जाए तो बिना सड़क के उसका प्रसव राम-भरोसे है। समय पर इलाज न मिलने पर आज तक इस गांव में रोगियों की कई जानें जा चुकी हैं। वश्वा गांव की महिला मंडल प्रधान श्यामा नेगी, अल्का देवी, पिंकी देवी, शांति नेगी, बबीता नेगी का कहना है कि नौजवान पढ़-लिख तो गए हैं, लेकिन अन्य स्थानों के लड़के-लड़कियां इनके गांव के लड़के-लड़कियों के साथ विवाह बंधन में इसलिए नहीं बंधते, क्योंकि गांव पहुंचने के लिए पैदल चलना पड़ता है। उधर, इस संबंध में लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता महेश सिंघला ने बताया कि बश्वा गांव की सड़क पीएमजेएसवाई में डाली गई है और फोरेस्ट क्लीयरेंस के लिए फाइल तैयार की जा रही है। उधर, उपायुक्त सिरमौर ललित जैन ने बताया कि यह विकट सामाजिक समस्या है। वश्वा गांव में सड़क बनाने में पेश आ रही समस्यांओं को दूर करने के लिए संबंधित विभागों को निर्देश दिए जाएंगे।
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