हंसता बुद्ध

By: Dec 15th, 2018 12:05 am

हंसता मुख, थुलथुल काया और पीठ पर बड़ा सा झोला ऐसी मूर्ति आपने जरूर देखी होगी। चीन के लोग इसे हंसता बुद्ध या खुशहाल चीनी कहकर पुकारते हैं । हतोई नामक यह जेन साधक चीन के तांग साम्राज्य के दौर में हुआ था। उसकी जरा भी इच्छा न थी कि वह एक आश्रमवासी जेन गुरु कहलाए और चेले मुंडे। वह एक बड़ा सा झोला पीठ पर लादे गलियों में घूमता पाया जाता था। उसके झोले में फल, सूखे मेवे और टॉफियां भरी रहती। वे यह उपहार उन बच्चों में बांटता रहता था जो खेल-खेल में उसके ईद-गिर्द आ जुटते थे। हतोई जब भी किसी जेन अनुयायी से मिलता, अपना हाथ पसार कर कहता, मुझे एक पेनी दो। एक बार हतोई बच्चों से घिरा अपने खेल में मग्न था कि एक जेन गुरु आ धमके। उन्होंने हतोई से पूछा, बताओ जेन का महत्त्व क्या है? हतोई ने अपना झोला उतार कर जमीन पर रख दिया और उसका अमल? जेन गुरु ने दूसरा सवाल दागा। खुशहाल हतोई ने अपना झोला उठा कर पीठ पर रखा और हंसते-हंसते अपने रास्ते चल पड़ा।

 


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