2019 में आऊंगा 2 फिल्मों में नजर

By: Jan 16th, 2019 12:08 am

शैतान, बोस और शिवाय जैसी फिल्में करने वाले अभिनेता शिव पंडित का कहना है कि वह 2019 में और भी फिल्मों में नजर आएंगे। फिलहाल उनकी वेब सीरीज ‘सिलेक्शन डे’ को लेकर चर्चा जारी है। हाल ही में उनके साथ हुई बातचीत के अंश पेश हैं…

‘सेलेक्शन डे’ का आपका अनुभव कैसा रहा?

इसे पहले में एक वेब सीरीज कर चुका हूं और मुझे हर अलग प्रोजेक्ट में नया सीखने को मिलता है और मुझे एज एक्टर हेल्प करता है और उनसे जब भी मैं कोई अगला प्रोजेक्ट करूं उससे मुझे कुछ न कुछ बेनिफिट मिलता है और इस वेब सीरीज में जो मैंने कैरेक्टर किया वैसा कैरेक्टर आज तक मुझे किसी ने ऑफर नहीं किया और जब मुझे यह कैरेक्टर ऑफर हुआ तो मैं सोच में पड़ गया की इसको निभाऊंगा कैसे। जब भी मैं किरदार निभाता हूं तब मैं अपने आप को सिंपल तरीके से समझा देता हूं की क्या रास्ता अपनाना चाहिए किरदार निभाने के लिए क्योंकि मैं ज्यादा कंप्लीमेंट और ज्यादा डिटेलिंग नहीं करता हूं क्योंकि क्या होता है कि जब आप इतने सारे आईडियाज लेकर सेट पर जाते हो तो डायरेक्टर जब आपको बोलने की भी कोशिश करेगा तो आप अपने आप में ही अलग धुन में निकल चुके होते हो, मैं उन चीजों को सिंपल रखता हूं।

बहुत से कलाकार वेब सीरीज की ओर बढ़ रहे हैं, इस बात पर आपका क्या कहना है?

जब आपको अच्छी कहानियां ऑफर हो रही हैं,भले ही वह टेलीविजन में हों , फीचर फिल्मों में हों या वेब सीरीज में हों तो कोई भी एक्टर इन चीजों की ओर बढ़ेगा। अब वह जमाना नहीं रहा कि मैं सिर्फ  फिल्मों का एक्टर हूं या टेलीविजन का हूं और आजकल वेब सीरीज में और फिल्मों में एक ही तरह के टेक्नीशियन काम कर रहे हों और अगर कंटेन अच्छा नहीं होगा तो ऑडियंस ऑटोमेटेकली स्विच ऑफ  करके दूसरी कंटेंन पर चली जाएंगे।

आपको लगता है कि वेब सीरीज की भी एक अलग ऑडियंस है ?

नहीं सेमी ऑडियंस है पहले क्या होता था कि अगर आपकी फिल्म इंटरेस्ट करती है लोगों को क्योंकि अगर प्रोमो अच्छा लगता था तो यह थियेटर में जाकर देखते थे, आज क्या है कि अपने घर में अपने कंफर्ट में देख लेते हैं।

एक अभिनेता के तौर पर अभी तक के सफर में अपने आप में क्या बदलाव देखे हैं ?

यह तो ऑडियंस जानती है और एक चीज जो डेफिनटली आई है कि रिस्पॉसिबल टू माय ग्राफ  मैं धीरे-धीरे मतलब और बिजनेस काइंड ऑफ  कि प्रोड्यूसर की कितनी लिमिटेशन होती है उसके अलावा एक और डायरेक्टर की क्या लिमिटेशन होती है, ये जो सारे लोग होते हैं डायरेक्टर, असिस्टेंट, डिरेकटर, प्रोड्यूसर इन लोगों की वजह से आप अच्छे दिखते हैं और लोगों की ओर से आपको प्यार मिलता है बिहाइंड सिन जो ये लोग होते हैं उनकी मेहनत को आप समझेंगे नहीं तो जिम्मेदार एक्टर नहीं होता।

आप बहुत कम फिल्में करते हैं, उसका कारण अच्छी कहानी नहीं मिलना है?

आपने सही कहा मैं बहुत ही कम फिल्में करता हूं, लेकिन 2019 में आपको यह सुनने को नहीं मिलेगा  कि मुझे स्टोरी सही नहीं लगी, उसमें मुझे इंटरेस्ट नहीं आदि । आई हॉप की 2019 में कम से कम दो फिल्में करूं।

– दिनेश जाला


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