फार्मा कंपनियों को वापस लौटा दो घटिया दवाइयां  

By: Nov 1st, 2019 12:01 am

*  प्रदेश में सब-स्टैंडर्ड दवा मामले पर सीएम ने लिया कड़ा संज्ञान

*  हिमाचल में फेल हो रहे सैंपल मामले पर मांगी जानकारी

*  हैल्थ सेफ्टी डिपार्टमेंट को दिए आदेश, तीन दिन में मांगा जवाब

शिमला  – प्रदेश में घटिया दवा मामले में प्रदेश मुख्यमंत्री ने कड़ा संज्ञान लिया है। इसमें प्रदेश स्वास्थ्य विभाग से प्रदेश में घटिया दवाओं पर रिपोर्ट तलब की गई है। सरकारी सप्लाई में सब-स्टैंडर्ड मेडिसिन और प्रदेश में ही बन रही दवाओं के सैंपल फेल होने के मामले पर जवाब तलब किया गया है। वहीं, जो सैंपल फेल हुए हैं, उन्हें तुरंत प्रभाव से संबंधित कंपनियों को वापस लौटाने के आदेश दिए गए हैं। इसके साथ ही अस्पतालों में इस तरह की दवाओं के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है। उधर, मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने भी हैल्थ सेफ्टी एंड रेगुलेशन डिपार्टमेंट को पत्र संख्या नंबर एचएफडब्लू-एच तीन – जी 7/61/2016 के तहत फेल हो रहे दवाओं पर रिपोर्ट मांगी है, जिसमें तीन दिन के भीतर जवाब देने को कहा गया है। गौर हो कि ‘दिव्य हिमाचल’ द्वारा प्रदेश में फेल हो रही दवाओं को लेकर कुछ मुद़द्े उठाए गए है। जिस पर जवाब तलब किया गया है। गौर हो कि अभी हाल ही में ही सरकारी सप्लाई में घटिया दवाएं मरीज़ों को खिलाने का खुलासा हुआ है। इसका खुलासा मंडी और कुल्लू में पकड़ी गई घटिया दवाओं को लेकर हुआ है। हालांकि प्रदेश के अस्पतालों में घटिया दवाओं के सैंपल कंडाघाट लैब भेजे गए हैं। इस दौरान अस्पतालों में दवाओं के  इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है, लेकिन हैरानी की बात है कि जो दवाएं सब-स्टैंडर्ड निकली हैं, उनमें सभी जीवन रक्षक दवाएं शामिल है। इसमें मंडी में मिली घटिया दवा में से एक दवा का नाम टेलमिजारटेन है और दूसरी का नाम लिवोस्ट्रिजिन है। पहले ये दोनों दवाएं मंडी के अस्पतालों में मिली थीं। इसमें टेलमिजारटेन की एक्सपायरी डेट मई, 2021 है, वहीं लिवोस्ट्रिज़िन दवा की एक्सपायर्ड डेट नंवबर, 2020 की है। टेलमिजारटेन की दवा की शिकायत में यह सामने आया है कि जब इसे खोला गया, तो यह पाउडर बन चुकी थी।  वहीं, दूसरी लिवोस्टि्रेज़िन मेडिसिन भी शामिल है, जिसे खोलने पर पर दवा की गोली नहीं, बल्कि पाउडर ही मिला। हैरानी तो यह है कि पहली दवा कालाअंब में बनी है और दूसरी दवा सोलन में बनी पाई गई। इसके अलावा कुल्लू की सरकारी सप्प्लाई में भी घटिया दवा मिली है। इसमें गैस्ट्रिक की दवा रेनाटिडीन की भी शिकायत जिला सीमओ से की गई। शिकायत में कहा गया है कि दवा की कई स्ट्रिप्स तो खाली ही थीं, लेकिन जब एक को खोला गया दवा मैल्ट हो चुकी थी। सबसे बड़ी बात कि हिमाचल में बन रही कई फार्मा कंपनियों की दवाएं अधिक फेल हो रही है।


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