प्रदूषित शहरों के लिए उच्च् स्तरीय समिति

By: Jan 16th, 2020 12:01 am

कमेटी एनजीटी के आदेशों के अनुसार करेगी काम, होगी कैरिंग कैपेसिटी की असेसमेंट

शिमला – हिमाचल के सात प्रदूषित शहरों की रिपोर्ट पर एनजीटी के आदेशों के अनुसार सरकार ने उच्च स्तरीय कमेटी का गठन कर दिया है। यह कमेटी इन शहरों की कैरिंगकैपेसिटी की असेस्मेंट करेगी और अपनी रिपोर्ट देगी। बता दें कि शहरों की स्टडी रिपोर्ट पर एनजीटी ने चेतावनी जारी की थी और उसके आदेश थे कि सरकार ठोस कदम उठाते हुए एक कमेटी बनाए। रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश के सात शहरों पांवटा, कालाअंब, बद्दी, नालागढ़, परवाणू, सुंदरनगर और डमटाल में हवा बेहद खतरनाक तरीके से दूषित हो चुकी है। इन शहरों में सांस लेना मुश्किल हो गया है। एक अन्य सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि 60 फीसदी हार्ट अटैक के मामले दूषित हवा से होते हैं। उक्त सात शहरों में जनजीवन खतरे में है। रिपोर्ट में कहा गया कि सातों शहरों में 2.5 पर्टिकुलेट मैटर की संख्या बहुत अधिक बढ़ गई है। सामान्य जीवन के लिए इसकी संख्या चार से कम होनी चाहिए। अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार इन शहरों में पर्टिकुलेटर मैटर की संख्या 10 तक पहुंच गई है। इसके अलावा एयर 100 माइक्रोग्राम के आसपास होनी चाहिए। बावजूद इसके इसकी वृद्धि 180 से 220 तक दर्ज हो गई है। इस कारण इन शहरों में जनजीवन खतरे में है। लिहाजा एनजीटी ने अपने पारित आदेशों में कहा था कि राज्य सरकार इसके लिए ठोस कदम उठाए।

प्रदेश सरकार ने अब तक ये किया

जयराम सरकार ने पापा प्रोजेक्ट के माध्यम से पांवटा, कालाअंब, बद्दी, नालागढ़, परवाणू, सुंदरनगर और डमटाल में प्लांटेशन से जहरीली हवा को नष्ट किया जा रहा है। इसके तहत प्रदेश सरकार ने सातों शहरों में चार लाख पौधे रोपित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

कमेटी में शामिल लोग

उच्च स्तरीय कमेटी में सभी सदस्य के रूप में होंगे। इसमें निदेशक उद्योग, ग्रामीण विकास, परिवहन, कृषि, शहरी विकास, विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी, शहरी नियोजन के अलावा  ईएनसी लोक निर्माण, ईएनसी आईपीएच, निदेशक राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण शामिल हैं वहीं राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव को नोडल अधिकारी के रूप में रखा गया है।

तीस दिन में बनेगी रिपोर्ट

कमेटी प्रदूषित शहरों में विजिट करके असेस्मेंट स्टडी के साथ डाटा कलेक्ट करेगी। इसके लिए इन शहरों में इंटर डिपार्टमेंट को-ऑर्डिनेशन बनाकर जानकारी जुटाई जाएगी। वाहनों से होने वाले प्रदूषण, उद्योगों के प्रदूषण, जनसंख्या का दवाब, निर्माण कार्य की अलग-अलग जानकारी जुटाएगी। तीस दिन के भीतर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को यह कमेटी अपनी रिपोर्ट सौंप देगी, जो कि एनजीटी को रिपोर्ट देगा। पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी सचिव रजनीश की ओर से कमेटी के गठन को लेकर अधिसूचना जारी की गई है।


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