अनाज खराब से 2000 करोड़ गर्क

By: Feb 19th, 2020 12:02 am

कैबिनेट मंत्री भारत भूषण ने केंद्र से उठाया भंडारण समस्या का ममला बोले, बनाई जाए ठोस रणनीति

चंडीगढ़पंजाब के खाद्य, सिविल सप्लाई और उपभोक्ता मामले विभाग के कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशू ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह राज्य में भंडारण समस्या के चलते हर साल होने वाले अनाज खराबे को रोकने के लिए ठोस रणनीति बनाए। इस खराबे से होने वाले सालाना 2000 करोड़ रुपए के वित्तीय नुकसान को राज्य सरकार बर्दाश्त करने के समर्थ नहीं है।  आशू ने यह विचार मंगलवार को केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री राए साहेब दादाराओ दानवे के साथ लुधियाना में विशेष मीटिंग के दौरान प्रकट किए। दानवे दो दिवसीय पंजाब दौरे पर हैं। राज्य में आए साल भयानक रूप धारण करती जा रही अनाज भंडारण की समस्या को बहुत संजीदगी के साथ उठाते हुए आशू ने कहा कि पंजाब सदियों से देश के लोगों का पेट भरता आ रहा है परंतु बड़ी त्रासदी है कि यहां पैदा होने वाले अनाज को भंडार करके रखने की जि़म्मेदारी भी राज्य के सिर पर ही डाल दी जाती है। सीमित साधनों के चलते पंजाब सरकार अपने स्तर पर भंडारण सामर्थ्य बढ़ाने में असमर्थ है। इसलिए केंद्र सरकार राज्य में भंडारण सामर्थ्य को बढ़ाने के लिए प्रयास करे। उन्होंने श्री दानवे से अपील की कि इसलिए केंद्र सरकार बाकायदा देश व्यापक ठोस रणनीति तैयार करे, जिससे पंजाब जैसे कृषि प्रधान राज्य में पैदा होने वाला अनाज खराब न हो। उन्होंने कहा कि जहाँ पंजाब जैसे राज्य को स्वयं अनाज पैदा करके तीन5तीन साल संभालना पड़ता है। वहां राजस्थान जैसे राज्य में केवल तीन महीने से ज़्यादा अनाज भंडार नहीं किया जाता। यदि केंद्र सरकार पहल करे तो पंजाब के अनाज को राजस्थान और अन्य राज्यों में भंडार किया जा सकता है। श्री आशू ने पंजाब के अनाज को अफगानिस्तान या अन्य पूर्वी एशियाई देशों को भी भेजने की वकालत की। उन्होंने कहा कि अनाज की लिफ्टिंग के लिए स्पैशल परमीशन रोज़ाना की 10-12 माल गाडि़यां ही मिलती है, जो कि बढ़ाकर कम से कम 20 की जानी चाहिए। राज्य में पीईजीण् प्राइवेट एंटरप्रीन्यूर गारंटी स्कीम के अंतर्गत कम से कम 20 लाख मीट्रिक टन के गोदाम बनाए जाने की मंजूरी दी जाए। उन्होंने पंजाब की मौजूदा भंडारण स्थिति का खुलासा करते हुए कहा कि राज्य में 95 लाख मीट्रिक टन के करीब पिछला अनाज पड़ा है, जिसमें से 36 लाख मीट्रिक टन खुले आसमान के नीचे और 60 मीट्रिक टन गोदामों में रखा गया हैए जबकि अप्रैल महीने में 130 लाख मीट्रिक टन और गेहूँ मंडियों में आ जाने की संभावना है। ऐसी स्थिति में पंजाब को आगामी अनाज की आमद को संभालना बहुत कठिन हो जाएगा।


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