पंजाब के मुख्यमंत्री बोले, धार्मिक स्थलों पर प्रसाद बांटने का फैसला केंद्र का, दोष प्रदेश सरकार पर लगाना अनुचित

By: Jun 9th, 2020 3:19 pm

चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि कल से खोले गए धार्मिक स्थलों पर प्रसाद न बाँटे जाने का फ़ैसला केंद्र का है और लोगों को गुमराह करने वाला शिरोमणि अकाली दल केंद्र सरकार का सहयोगी दल है। कैप्टन सिंह ने कल देर शाम यहां कहा कि उनकी सरकार ने कभी भी किसी धर्म के रीति.रिवाज़ों और प्रथाओं में हस्तक्षेप करने में विश्वास नहीं रखा और सरकार केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशा.निर्देशों को लागू करने पर विवश है। उन्होंने झूठी बयानबाज़ी करने तथा लोगों को भडक़ाने की कोशिश करने पर शिअद के नेताओं की कड़ी आलोचना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने धार्मिक स्थलों के लिए निर्धारित संचालन विधि ;एसण्ओण्पीज़द्ध जारी की हैए तो राज्य सरकार को गुरुद्वारों या अन्य पूजा स्थलों में प्रसाद बाँटने पर रोक लगाने के लिए जि़म्मेदार कैसे ठहराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह गृह मंत्रालय ही है जिसने राष्ट्रीय आपदा अधिनियम के अंतर्गत 8 जून से धार्मिक और कुछ अन्य स्थानों को खोलने की अनुमति देने का फ़ैसला लिया था और बाद में विभिन्न मंत्रालयों को जरुरी दिशा.निर्देश जारी करने के लिए कहा था। उन्होंने कहा कि हमने पहले ही राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह को निर्देश दिए थे कि गुरुद्वारों में भारत सरकार द्वारा जारी दिशा.निर्देशों की पालना करते हुए लंगर बाँटने के लिए ज़रुरी निर्देश जारी करें। वह ख़ुद प्रधानमंत्री को धार्मिक स्थलों पर प्रसाद बाँटने की अनुमति देने के लिए पत्र लिख रहे हैं। मुख्यमंत्री ने अकालियों पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली के गलियारों में भारत सरकार के विवादास्पद फ़ैसलों का समर्थन करना अकालियों की आदत बन गई हैए जबकि सार्वजनिक रूप से इसका विरोध करने का ढोंग करते हैं। सीण्एण्एण् के कानून से लेकर हाल ही में कृषि सुधारों संबंधी जारी किए गए अध्यादेश तकए अकाली नेता राज्य हितों के गंभीर मुद्दों पर लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।


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