अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान से उबरने लगा देश, छोटे उद्योग अर्थव्यवस्था के मजबूत आधार

By: Jan 29th, 2021 1:07 pm

नई दिल्ली — राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान अर्थव्यवस्था को जो क्षति पहुंची थी अब उससे देश उबरने लगा है। श्री कोविंद ने आज बजट सत्र के पहले दिन संसद के केंद्रीय कक्ष में लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुये कहा कि कोरोना के इस काल में प्रत्येक भारतीय का जीवन बचाने के प्रयासों के बीच अर्थव्यवस्था को जो हानि हुई थी उससे भी अब देश उबरने लगा है।

यह आज अनेक संकेतकों के माध्यम से स्पष्ट हो रहा है। इस मुश्किल समय में भी भारत दुनिया के निवेशकों के लिए आकर्षक स्थान बनकर उभरा है। अप्रैल से अगस्त 2020 के बीच लगभग 36 अरब डॉलर का रिकॉर्ड प्रत्यक्ष विदेशी निवेश भारत में हुआ है। उन्होंने कहा कि विनिर्माण से जुड़े 10 क्षेत्रों के लिए पहली बार देश में लगभग डेढ़ लाख करोड़ रुपए की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना लागू की गई है।

इसका लाभ इलेक्ट्रॉनिक्स सहित अनेक दूसरे सामानों विनिर्माण में दिखने लगा है। देश और विदेश की अनेक बड़ी कंपनियों ने भारत में इन योजनाओं के तहत काम शुरू कर दिया है। राष्ट्रपति ने कहा कि ‘वोकल फॉर लोकल’ आज जन-आंदोलन बन चुका है। सरकार देश में बने सामान के उपयोग के लिए जन-भागीदारी को प्रोत्साहित कर रही है।

ये सामान गुणवत्ता में भी वे श्रेष्ठ हों, इस दिशा में काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश में ‘कारोबार की आसानी’ में सुधार के लिए भी निरंतर कदम उठाए जा रहे हैं। इसके लिए राज्यों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

छोटे उद्योग अर्थव्यवस्था के मजबूत आधार

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने छोटे उद्योगों को अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि देश को आत्मनिर्भर बनाने का सामथ्र्य इन उद्योगों के पास है। राष्ट्रपति ने संसद बजट सत्र के आरंभ में दोनों सदनों राज्यसभा और लोकसभा के संयुक्त सत्र को केंद्रीय कक्ष में संबोधित करते हुए कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था की आधारभूत ताकत हमारे गांवों और छोटे शहरों में फैले हमारे लघु उद्योग और कुटीर उद्योग हैं।

भारत को आत्मनिर्भर बनाने का बहुत बड़ा सामथ्र्य हमारे इन लघु उद्योगों के ही पास है। देश के कुल निर्यात में इनकी भागीदारी लगभग 50 प्रतिशत है। सरकार ने आत्मनिर्भर भारत के अभियान में छोटे उद्योगों की भूमिका बढ़ाने के लिए भी अनेक कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि छोटे उद्योगों की परिभाषा में बदलाव हो, निवेश की सीमा बढ़ाना हो या फिर सरकारी खरीद में वरीयता, अब लघु और कुटीर उद्योगों को विकास के लिए जरूरी प्रोत्साहन मिला है।

तीन लाख करोड़ रुपए की ‘इमरजेंसी क्रेडिट गारंटी योजन’, मुश्किल में फंसे छोटे उद्योगों के लिए 20 हजार करोड़ की विशेष योजना और ‘कोषों के कोष’ जैसे प्रयासों ने लाखों लघु उद्यमियों को लाभ पहुंचाया है। जेईएम पोर्टल से देश के दूरदराज वाले क्षेत्रों के छोटे उद्योगों को सरकारी खरीद में पारदर्शिता के साथ-साथ अधिक भागीदारी भी मिल रही है। उन्होंने कहा कि मेरी सरकार की यह निरंतर कोशिश है कि उद्यमशीलता का लाभ देश के हर वर्ग को मिले।

हुनर हाट और उस्ताद योजना के माध्यम से लाखों शिल्पकारों का कौशल विकास भी किया जा रहा है और उनको रोजगार के अवसर दिए जा रहे हैं। इन लाभार्थियों में आधे से अधिक महिला शिल्पकार हैं। ई-हाट के माध्यम से इन शिल्पकारों को पूरी दुनिया के खरीदारों से जोड़ा जा रहा है।

उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत में महिला उद्यमियों की विशेष भूमिका है। मेरी सरकार ने महिलाओं को स्वरोजग़ार के नए अवसर देने के लिए कई कदम उठाए हैं। मुद्रा योजना के तहत अब तक 25 करोड़ से ज्यादा ऋण दिए जा चुके हैं, जिसमें से लगभग 70 प्रतिशत ऋण महिला उद्यमियों को मिले हैं।


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