बीड़ बिलिंग में ‘मौत’ की उड़ान

By: Nov 23rd, 2021 12:01 am

घाटी में कानून को दरकिनार कर लोगों की जान से खेल रहे पायलट, पूछने वाला कोई नहीं

चमन डोहरू—बैजनाथ

पैराग्लाइडिंग की बिलिंग घाटी में टेंडम पायलटों के लिए न कोई कायदे हैं न ही कानून। जब भी कोई अनहोनी घटित होती है, तो प्रशासन जरूर बैठक कर बयान जारी कर देता है कि छानबीन करेंगे, जिसकी गलती होगी उस पर कार्रवाई की जाएगी। इन्हीं बयानों पर उस हादसे का समापन हो जाता है। आज हालात यह हैं कि प्रदेश के पर्यटन विभाग द्वारा बाकायदा टेंडम व सोलो उड़ानों के लिए कई तरह की गाइड लाइन बनाई हैं पर उन पर कितना कोई अमल करता है इसे कोन चैक करे। कुछ ही महीनों में बिलिंग में टेंडम उड़ानों के दौरान तीन लोग मौत का ग्रास बन चुके हैं।

यह सही है कि पैराग्लाइडिंग करना जोखिम भरा खेल है मात्र हवा के सहारे ही उड़ान भरी जा सकती है । इसके अतिरिक्त पायलट के पास कोई भी विकल्प नहीं। मगर सवाल यह है कि पर्यटन विभाग द्वारा जितने भी पायलटों को लाइसेंस जारी किए गए, उनके पास कितना फ्लाइंग करवाने का अनुभव है। कोई यह भी चैक करता है कि जिस ग्लाइडर के माध्यम से टेंडम उड़ाने करवाई जा रही हैं क्या वह फ्लाइंग के अनुकूल भी हैं या नहीं । बिलिंग में मौजूदा समय में 300 के आसपास लाइसेंस प्राप्त पायलट हैं, तो क्या जो ग्लाइडर प्रयोग में लाए जा रहे हैं वह कितने पुराने हैं इस बात की कौन जांच पड़ताल करता है। (एचडीएम)

न मौसम, न किसी की जान का डर

हालत यह है कि पायलट पैसा कमाने की होड़ में न उड़ान के लिए मौसम अनुकूल देखते हैं और न ही रात देखते हैं। वहीं, पिछले दिनों एक पायलट द्वारा साढ़े चार साल की बच्ची को लेकर टेंडम उड़ान करवाई जो कायदे के अनुसार सही नहीं थी। इन पायलटों पर किसी तरह की लगाम नहीं है। अगर प्रशासन द्वारा समय रहते पुख्ता कदम नहीं उठाए गए, तो ऐसी दुर्घटनाओं को कोई भी नहीं रोक सकेगा।


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