सेब की फसल पर मौसम की बेरुखी भारी, नमी न होने के कारण सूखने लगे पौधे

By: Jun 12th, 2022 12:02 am

 नई प्लांटेशन तबाह, फलों में रस्टिंग, फलों पर पड़ रहे काले धब्बे

स्टाफ रिपोर्टर — शिमला
हिमाचल प्रदेश में पिछले काफी समय से चल रहा ड्राई स्पेल सेब की फसल पर भारी पड़ रहा है। करोड़ों रुपए के सेब की फसल पर खतरा पैदा हो गया है। जमीन में नमी न होने के कारण बागीचों में कई तरह की समस्याएं पैदा होना शुरू हो गई हैं। बागबानों व वैज्ञानिको का कहना है कि सूखे की मार का असर न सिर्फ इस सेब सीजन में पड़ेगा, बल्कि अगले साल तक इसका असर रहेगा। हिमाचल प्रदेश में पिछले काफी समय से बारिश नहीं हुई है। बारिश न होने से तापमान में काफी ज्यादा बढ़ोतरी हो गई है। जमीन में नमी लगभग समाप्त हो चुकी है। जमीन में नमी कम होने के कारण कई क्षेत्रों में पौधे स्ट्रेस में चले गए हैं। फल के विकास आवश्यक पोषक तत्त्व प्राप्त नहीं हो रहे हैं। प्रोग्रेसिव गोवर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष लोकेंद्र सिंह बिष्ट का कहना है कि सेब के फलों में रस्टिंग शुरू हो गई है।

फलों का साइज भी नहीं बन पा रहा है। कई क्षेत्रों में लेंटिकल ब्रेकडाउन शुरू हो गया है। यानि सेब के पौधों पर काले धब्बे पड़ रहे हंै। खासकर, रेड गोल्ड व गाला सीरिज के किस्मों में यह समस्या पैदा हो रही है। इसक अलावा सूखे के कारण नई प्लांटेशन काफी ज्यादा प्रभावित हो रही है। लोअर बेलट में नई प्लांटेशन सूख रही है। नई प्लांटेशन के 50 से 90 फीसदी सूखने का अनुमान है। नई प्लांटेशन सूखे के कारण सेब बागबानों को लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है। बागबानों ने सरकार से मांग उठाई है कि सूखे के नुकसान का सही आकलन किया जाए। इसके अलावा आने वाले सालों में सूखे की स्थिति से निपटने के लिए कोई स्थायी समाधान निकाला जाए।

रेनवॉटर हार्वोस्टिंग को बढ़ावा दिया जाए, ताकि आने वाले सालों मे इसी तरह के हालात पैदा न हों। एक ओर जहां मौसम की बेरुखी से किसान बागबान परेशान हैं, तो वहीं कार्टन के दामों में हुई बढ़ोतरी से भी किसान बागबानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। वहीं प्रोग्रेसिव ग्रोवर एसोसिएशन ने ईरान और तुर्की के सेब पर प्रतिबंध लगाने के लिए फिर से केंद्रीय कृषि मंत्रालय को दोबारा पत्र लिखा है। उन्होंने मांग उठाई है कि 44 देशों से भारत निर्यात होने वाले पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाई जाए, ताकि प्रदेश के बागबानों को सेब के सही दाम मिल सकें। प्रदेश के कि इस बारे में बागबानी सचिव ने प्रोग्रेसिव ग्रोवर्स के साथ एक बैठक बैठक भी बुलाई है।

कार्टन से हटाया जाए जीएसटी
प्रोग्रेसिव ग्रोवर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष लोकेंद्र सिंह बिष्ट का कहना है कि सेब कार्टन के दामों में बढ़ोतरी से बागबानों की दिक्कतें और अधिक बढ़ गई है। उन्होंने सरकार से मांग उठाई है कि कार्टन पर लगने वाले जीएसटी को हटाया जाए या फिर से लोअर स्लैब में लाया जाए, ताकि बागबानों को राहत मिल सके।


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