HP Election-2022 : 25 साल बाद, बिना वीरभद्र-धूमल होगा चुनाव

By: Oct 28th, 2022 11:33 pm

अढ़ाई दशक बाद बड़ी सीट के लिए दो दिग्गजों में दौड़ नहीं, कांग्रेस के पास नहीं सीएम फेस

दिव्य हिमाचल ब्यूरो — शिमला
कांग्रेस को छह बार सत्ता तक पहुंचाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह इस दुनिया में नहीं हैं। भाजपा की दो बार सरकार बनाने वाले प्रेम कुमार धूमल अब मुख्यमंत्री की रेस से बाहर हैं। इस लिहाज से करीब 25 साल बाद यह पहला मौका है, जब चुनावी रेस में न वीरभद्र सिंह हैं और न ही प्रेम कुमार धूमल। पंाच साल पहले ही हिमाचल भाजपा ने धूमल की जगह जयराम ठाकुर को मुख्यमंत्री पद के लिए चुन लिया था, जबकि वीरभद्र सिंह के जाने के बाद कांग्रेस में इस पद के लिए फैसला इस विधानसभा चुनाव के जरिए होगा। इस बार पहाड़ की सियासत में नया युग कहा जाएगा। वर्ष 2017 के चुनाव में कांग्रेस ने वीरभद्र सिंह को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया था। सोलन की रैली में राहुल गांधी ने कहा था कि हिमाचल में कांग्रेस का एक ही चेहरा है और वह वीरभद्र सिंह हैं। भाजपा में अमित शाह ने सिरमौर की रैली में प्रेम कुमार धूमल को सीएम फेस डिक्लेयर किया था। वीरभद्र सिंह खुद तो अर्की से चुनाव जीत गए, लेकिन कांग्रेस पार्टी सत्ता का रण हार गई। इसी तरह भाजपा तो रिकॉर्ड सीटों से जीत गई, परंतु प्रेम कुमार धूमल अपनी सीट हार गए। किस्मत की चाबी ने सत्ता का ताला जयराम ठाकुर के लिए खोला। वह हिमाचल के मुख्यमंत्री बने और पहली बार मंडी जिला से कोई नेता सीएम बना। वीरभद्र सिंह बेशक चुनाव जीत गए, लेकिन सेहत और अन्य कारणों से वह नेता प्रतिपक्ष नहीं बने। मुकेश अग्निहोत्री सदन में नेता प्रतिपक्ष बने। प्रेम कुमार धूमल एक तरह से नेपथ्य में चले गए।

इस बार सियासी परिस्थितियां भी कह रही थीं कि हाइकमान शायद ही धूमल के चुनाव लडऩे के पक्ष में हो। हुआ भी यही। बता दें कि प्रेम कुमार धूमल दो बार हिमाचल के मुख्यमंत्री रहे। पहली बार वह वर्ष 1998 में सीएम बने थे। उस समय भाजपा ने हिमाचल विकास कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। भाजपा की यह पहली सरकार थी जिसने पांच साल का कार्यकाल पूरा किया था। उससे पहले दो बार शांता कुमार सीएम रहे और दोनों ही बार सरकार पांच साल नहीं चल पाई। 1998 में पार्टी के प्रदेश प्रभारी नरेंद्र मोदी थे। उस समय भाजपा ने हिमाचल विकास कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई और वह पांच साल चली। दूसरी बार 2006 में जयराम ठाकुर प्रदेश अध्यक्ष थे और 2007 के चुनाव में भाजपा सत्ता में आई। प्रेम कुमार धूमल सीएम बने। यह सरकार भी पांच साल चली। 2003 में कांग्रेस ने चुनाव जीता और वीरभद्र सिंह मुख्यमंत्री बने। अगले चुनाव में यानी 2007 में कांग्रेस हार गई। वीरभद्र सिंह नेता प्रतिपक्ष बने। वर्ष 2012 के चुनाव के दौरान वीरभद्र सिंह केंद्र से वापस हिमाचल प्रदेश की राजनीति में आए। उन्होंने कांग्रेस हाइकमान पर दबाव बनाया और पार्टी ने वीरभद्र सिंह को पीसीसी चीफ नियुक्त किया।

भाजपा-कांग्रेस के लिए 2017 के विधानसभा चुनाव में ऐसे बने थे हालात

2017 के चुनाव में भाजपा ने प्रेम कुमार धूमल की अगवाई में चुनाव लड़ा। पार्टी तो चुनाव जीत गई, लेकिन धूमल को पराजय मिली। वीरभद्र सिंह उम्रदराज होने के कारण उतने सक्रिय नहीं थे, लेकिन वह सदन में जरूर उपस्थित होते थे। छह बार हिमाचल में सत्ता की कमान संभालने वाले वीरभद्र सिंह जुलाई, 2021 में देह त्याग गए। मौजूदा समय में प्रेम कुमार धूमल भाजपा के उम्र के पैमाने पर टिकट से वंचित रहे हैं । इस तरह 2022 के चुनाव में हिमाचल की राजनीति के दो सबसे बड़े नाम इस बार न तो चुनाव में हैं और न ही मुख्यमंत्री की रेस में।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App