चुनाव और महिलाएं..बहुत कठिन है विधानसभा की डगर

By: Oct 21st, 2022 12:05 am

16 विधानसभा सीटों में महिला वोट्र्स की भूमिका निर्णायक

सोनिया शर्मा — शिमला

हिमाचल में महिलाओं का वोट प्रतिशत बेशक पुरुषों के बराबर हो, लेकिन विधानसभा में आधी आबादी की भागीदारी बेहद कम रही है। राज्य में पंचायती राज में महिलाओं के लिए 50 फीसदी आरक्षण ही मुख्य वजह है कि महिलाओं की भागीदारी बढ़ जाती है, लेकिन विधानसभा तक पहुंचना महिलाओं के लिए बेहद मुश्किल रहा है। पिछले तीन चुनावों की बात की जाए तो कांग्रेस और भाजपा सहित किसी भी अन्य पार्टी में कुछ ही महिला नेत्रियां जीत दर्ज कर पाई हैं। इनमें से भी दो या तीन महिलाएं ही कैबिनेट मंत्री बन पाई हैं। 2007, 2012 और 2017 के चुनावी समीकरण पर नजर डाली जाए, तो इन तीनों ही चुनावों में महिलाएं जीत दर्ज करने में ज्यादा सफल नहीं हो पाई।

इसमें साल 2007 में भाजपा, कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दलों से कुल 25 महिला उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरीं, जिसमें से केवल केवल पांच महिला नेत्रियां ही जीत दर्ज कर सकीं। इसमें कुमारसैन से कांग्रेस की विद्या स्टोक्स, दून से भाजपा की विनोद कुमारी, वहीं हमीरपुर से बीजेपी की उर्मिल ठाकुर, शाहपुर से बीजेपी की सरवीण चौधरी, बनीखेत से भाजपा रेनू चड्ढा ने जीत हासिल की। इसके अलावा साल 2012 के चुनाव में 68 विधानसभा क्षेत्र से 34 महिला उम्मीदवारों को विभिन्न पार्टी से चुनावी मैदान में उतारा गया था, लेकिन इनमें से भी केवल तीन ही महिला नेत्रियां चुनाव में अपनी जीत दर्ज करवा सकी थी। इसमें डलहौजी से कांग्रेस की आशा कुमारी, शाहपुर से भाजपा की सरवीण चौधरी और ठियोग से कांग्रेस की विद्या स्टोक्स ही जीत दर्ज कर पाई थीं। वहीं, साल 2017 में महिला कोटा काफी कम रह गया और दो साल के मुकाबले साल 2017 में केवल 19 ही महिला नेत्रियों को टिकट मिले और इनमें से भी चार ही नेत्रियां अपनी जीत दर्ज करवा सकी। यानी पिछले तीन कार्यकाल में महिलाएं चुनावी मैदान में ज्यादा सफल नहीं हो सकी हंै। एचडीएम

भाजपा ने दिए पांच टिकट, कांगे्रस का इंतजार

इस बार भाजपा ने पांच टिकट महिलाओं को दिए हैं। आम आदमी पार्टी ने अभी तक 58 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं, जिसमें तीन महिला प्रत्याशी शामिल है। वहीं, भाजपा की सीटों की बात की जाए तो शाहपुर से सरवीण चौधरी, बड़सर से माया शर्मा, पच्छाद से रीना कश्यप, रोहडू़ से शशिबाला और इंदौरा से रीता धीमान को टिकट दिया गया है। यानी भाजपा ने पांच महिला प्रत्याशियों को टिकट दिया है। वहीं, कांग्रेस पार्टी की बात की जाए, तो इनमें हांलाकि अभी सभी सीटों पर टिकट तय नहीं हुए हैं, लेकिन कांग्रेस ने भी तीन महिला उम्मीदवारों को चुनावी मैदान मं उतारा है, जिसमें डलहौजी से आशा कुमारी, मंडी से चंपा ठाकुर और पच्छाद से दयाल प्यारी को टिकट दिया गया है।

16 विधानसभाओं में महिला वोटर ज्यादा

हिमाचल प्रदेश में कुल 68 विधानसभा सीटें हैं। इन सीटों में से 52 विधानसभा सीटों पर पुरुषों की आबादी अधिक है, तो वहीं राज्य की 16 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां पर पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की आबादी अधिक है। इन विधानसभा सीटों पर महिलाएं पुरुषों के मुकाबले निर्णायक भूमिका अदा करती है। ऐसे में राज्य की देहरा, जयसिंहपुर ,सुलाह, मनाली जोगिंद्रनगर, धर्मपुर ,मंडी सदर ,बल्ह, सरकाघाट, भोरंज सुजानपुर, हमीरपुर, सदर, बड़सर, नादौन, घुमारवीं, जुब्बल कोटखाई में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों के मुकाबले अधिक है। इसी वजह से इन विधानसभा सीटों पर अक्सर राजनीतिक दल महिला उम्मीदवारों को ही चुनाव मैदान में उतारते हैं।


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