HP Election-2022: चुनावी रण में कूदे पिता-पुत्र

By: Oct 21st, 2022 9:48 pm

महेश्वर सिंह ने भाजपा टिकट पर कुल्लू से भरा नामांकन, पुत्र हितेश्वर ने बंजार से निर्दलीय ठोंकी ताल

मोहर सिंह पुजारी — कुल्लू

जिला कुल्लू में विधायकी की विरासत संभालने के लिए पिता-पुत्र ने चुनावी मैदान में ताल ठोंक दी है। पिता भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे, जबकि पुत्र निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव रण में कूद गए हैं। लिहाजा, भाजपा में खलबली डाल दी है। कुल्लू सदर से भाजपा के टिकट पर महेश्वर सिंह चुनाव में उतरे हैं, जबकि बंजार विधानसभा सीट से उनके पुत्र हितेश्वर सिंह ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लडऩे के लिए नामांकन दाखिल किया है। कुल्लू से पिता का नामांकन भरना और बंजार से पुत्र का नामांकन भरना भी चर्चा का केंद्र बना हुआ है। हितेश्वर सिंह ने बंजार में भाजपा प्रत्याशी सुरेंद्र शौरी को मुश्किलों में डाल दिया है। यहां बता दें कि पिता-पुत्र हालांकि दोनों अलग-अलग सीट से चुनाव लड़ेंगे, लेकिन पिता-पुत्र की चुनावी ताल ने भाजपा की राजनीति में खलबली जरूर पैदा कर दी। दोनों विधायकी की विरासत संभालने के लिए चुनावी जंग में उतरे हैं। हालांकि महेश्वर सिंह ने पार्टी हाईकमान से कुल्लू सदर के लिए टिकट मांगा, उन्हें भाजपा टिकट माथा-पच्ची के बाद दूसरी लिस्ट में भाजपा प्रत्याशी बनने का तोहफा तो मिला, लेकिन बेटे हितेश्वर सिंह की चुनावी हुंकार ने भाजपा में अंदरखाते खलबली मचा दी है।

वहीं, हितेश्वर सिंह ने भी बंजार से भाजपा से टिकट मांगा था, लेकिन वह टिकट से बाहर हो गए। अब निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। लिहाजा, हितेश्वर सिंह की चुनावी हुंकार से बंजार विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी को चुनाव लडऩा किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। बाकायदा दोनों ने अलग-अलग विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल किए। पिता ने भाजपा टिकट पर नामांकन भरा, जबकि पुत्र ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनावी ताल ठोंक दी और नामांकन भी भरा दिया। पिता ने कुल्लू सदर सीट से ठीक साढ़े 12 बजे और पुत्र ने बंजार सीट से एसडीएम कार्यालय बंजार में एक बजे नामांकन दाखिल किए। दोनों ने पहले भगवान रघुनाथ जी से आशीर्वाद लिया। फिर चुनावी रण में कूदने के लिए नामांकन दाखिल किया। यदि कुल्लू सदर से भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष राम सिंह ने टिकट न मिलने पर निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर विधानसभा चुनाव लडऩे का मन बनाया लिया है। वहीं, 25 अक्तूबर को नामांकन भरने का भी जिक्र किया है। ऐसे में चुनाव में राम सिंह खड़े रहे, तो भाजपा के प्रत्याशी महेश्वर सिंह के लिए चुनाव चुनौती से कम नहीं होंगे। (एचडीएम)

सुनवाई नहीं की, तो लिया आजाद लडऩे का फैसला

करसोग। भाजपा की ओर से टिकट आबंटन के बाद नाराज हुए प्रदेश भाजपा कार्यसमिति के सदस्य युवराज कपूर द्वारा अपना नामांकन पत्र निर्दलीय के रूप में शुक्रवार को दाखिल कर दिया गया है। युवराज कपूर ने कहा कि करसोग विधानसभा में पिछले कई वर्षों से वे लगातार संगठन की मजबूती के लिए कार्य कर रहे हैं। पिछली बार की तरह इस बार भी भाजपा का टिकट पाने के लिए दावेदारी जताई गई, परंतु हैरानी की बात है कि पैराशूट से उम्मीदवार को भाजपा द्वारा टिकट दिया गया। इसको लेकर भाजपा हाइकमान से आग्रह भी किया गया कि टिकट आबंटन जो करसोग में हुआ है, उस पर पुन: विचार किया जाए, परंतु कोई गौर नहीं किया। इसके बाद समर्थकों की भावनाओं का ध्यान रखते हुए उन्होंने शुक्रवार को निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में करसोग विधानसभा से अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है। उन्होंने कहा कि संगठन के प्रति समर्पित कार्यकर्ता का मनोबल बुरी तरह से प्रभावित हुआ है और उसी के चलते टिकट बदलाव का आग्रह किया गया था, जिसकी सुनवाई नहीं होने पर कार्यकर्ताओं का समर्थन लेकर अब निर्दलीय के रूप में जनता के बीच जाया जाएगा।

टिकट न मिलने का मलाल जनमंच पर निकले आंसू

शिमला। ठियोग विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी में टिकट की दावेदारी जता रही इंदू वर्मा ने अब चुनाव में निर्दलीय लडऩ़े का फैसला किया है। उन्होंने ठियोग में एक जनमंच के दौरान कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियों पर उन्हें धोखा देने के आरोप लगाए हैं। इस दौरान वह मंच पर भावुक होकर रो पड़ीं। उन्होंने कहा कि उन्हें टिकट नहीं दिया गया, यह सीधे तौर पर जनता का अपमान है। एक बार नहीं दो बार मुझे अपमान सहना पड़ा। अब वह निर्दलीय लड़ेंगी। गौर रहे कि ठियोग से इंदू वर्मा पूर्व दिवंगत विधायक राकेश वर्मा की पत्नी हैं। उन्होंने कुछ समय पहले ही कांग्रेस पार्टी को ज्वाइन किया था। इससे पहले वह भाजपा में ही थीं। ठियोग से कांग्रेस के कुलदीप राठौर को टिकट दिया गया है। कुछ समय पहले इंदू वर्मा के भाजपा में शामिल होने की चर्चाएं भी चली थीं।

दो दिन में बदलो टिकट, वरना सामूहिक इस्तीफा देंगे पदाधिकारी

गगरेट। प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस द्वारा किए गए टिकट आबंटन पर उपजा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। विधानसभा क्षेत्र चिंतपूर्णी में कांग्रेस द्वारा सुदर्शन सिंह बबलू को प्रत्याशी घोषित करते हुए ब्लॉक कांग्रेस चिंतपूर्णी ने विद्रोह का बिगुल बजा दिया है। शुक्रवार को इस टिकट आबंटन के विरोध में ब्लॉक कांग्रेस चिंतपूर्णी द्वारा अंब में बुलाई गई बैठक में ब्लॉक कांग्रेस पदाधिकारियों ने इसे गलत निर्णय करार देते हुए कहा कि अगर कांग्रेस हाइकमान ने दो दिन के भीतर यहां से टिकट नहीं बदला, तो ब्लॉक कांग्रेस पदाधिकारी सामूहिक रूप से इस्तीफा देंगे। ब्लॉक कांग्रेस द्वारा बुलाई गई इस बैठक में आए तमाम पदाधिकारियों ने इस टिकट आबंटन का जबरदस्त विरोध करते हुए कहा कि जो व्यक्ति कांग्रेस को सरेआम मीडिया में बदनाम करते हुए खुद अपने पद से इस्तीफा दे गया, उसे किस आधार पर पार्टी ने प्रत्याशी घोषित किया, जबकि इससे पहले केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में यहां से पूर्व मंत्री व कांग्रेस के दिग्गज नेता कुलदीप कुमार का नाम फाइनल किया गया था। उधर पूर्व मंत्री कुलदीप कुमार भी कांग्रेस हाईकमान के निर्णय से खिन्न दिखे। उन्होंने प्रदेश चुनाव समिति सदस्य व प्रदेश अनुशासन समिति के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया।

लोगों के फैसले पर चुनाव

पालमपुर। सभी कार्यकर्ताओं से बात करके ही बता पाएंगे कि क्या वह स्वतंत्र चुनाव लड़ेंगे या नहीं, क्योंकि उनके साथ जुड़े लोग जो फैसला लेंगे, वह उन्हें मान्य होगा। ये शब्द पालमपुर से पूर्व विधायक प्रवीण कुमार ने कहे। वहीं भारतीय जनता पार्टी मंडल पालमपुर के प्रमुख पदों पर रहे भाजपा पदाधिकारी, कार्यकर्ताओं, बुद्धिजीवियों व स्वयंसेवियों की एक हंगामी बैठक चिंबलहार प्रवीण शर्मा के घर पर हुई। सभी ने अपना मत रखते हुए कहा कि जिस तरह 2017 के चुनावों में पालमपुर से पूर्व विधायक प्रवीन कुमार की टिकट कटी और उनके राजनीतिक भविष्य को खत्म करने की जो कोशिश हुई, उसके फलस्वरूप उन्हें स्वतंत्र चुनाव लडऩा पड़ा। सभी उपस्थित लोगों द्वारा प्रवीण कुमार के उस निर्णय के प्रति नाराजगी जाहिर की गई कि लोकसभा के चुनावों में इन्हें पुन: भाजपा में शामिल नहीं होना चाहिए था। बैठक में चर्चा हुई कि चुनाव हारने के उपरांत भी पूर्व विधायक पूरे 5 वर्ष तक जनता के बीच में रहे और पालमपुर हित के तमाम मुद्दों को प्रमुखता के साथ उठाया। पालमपुर में कांग्रेस का विधायक होते हुए भी प्रवीण शर्मा विधायक की भूमिका निभाई।

भाजपा झेलेगी बगावत

शिमला। प्रदेश में टिकटों के ऐलान के बाद कई पार्टियों में बगावती जंग छिड़ गई है। इसी के चलते भाजपा में भी बगावत हो गई है। वहीं शिमला ग्रामीण की बात की जाए, तो यहां से भाजपा ने प्रमोद शर्मा की जगह इस बार पूर्व में जिलाध्यक्ष रहे रवि मेहता को टिकट दिया है। ऐसे में टिकट की काफी समय से दावेदारी जता रहे प्रमोद शर्मा अब आजाद प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतरेंगे। उनके इस ऐलान के साथ ही अब भाजपा में भी बगावती जंग छिड़ गई हैं। प्रमोद शर्मा को पिछले कई सालों से संगठन से जुड़े हैं और इस बार उन्हें पक्की उम्मीद थी कि पार्टी हाइकमान शिमला ग्रामीण से उन्हें टिकट देगी। सोशल मीडिया के जरिए उन्होंने यह कहा है कि यदि पार्टी टिकट बदलने पर फैसला नहीं लेती है, तो जनता के लिए वह निर्दलीय सीट पर लड़ेंगे। उन्होंने यह भी कहा है कि इस बात से उन्हें कतई नाराजगी नहीं है कि पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया, लेकिन पैनल में जिन उम्मीदवारों की लिस्ट भेजी गई है, उसमें उनका नाम ही शामिल नहीं किया है, जिससे उनका बेहद दुख है। साफ तौर पर उन्होंने अपनी ही पार्टी पर आरोप लगाए हैं कि यदि उन्हें टिकट नहीं दिया जाना था तो वे इस बारे में पहले ही बता देते।


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