HP Election-2022 : बागी हटने को नहीं तैयार, बिगाड़ेंगे दोनों दलों के हाल

By: Oct 28th, 2022 11:44 pm

भाजपा को मात्र एक सीट पर मिली कामयाबी, कांग्रेस के भी यही हाल

नामांकन वापसी का शनिवार को आखिरी दिन है, पर भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों को अभी तक आशा के अनुरूप कामयाबी हासिल नहीं हुई है। भाजपा के 14 और कांग्रेस के 12 बागी दोनों दलों की नींद उड़ाए हुए हैं। भाजपा को शुक्रवार को महेश्वर सिंह और कांग्रेस को कुलदीप कुमार को मनाने में हल्की सी कामयाबी मिली है, लेकिन बाकी सीटों पर बागी टस से मस नहीं हो रहे हैं…

राकेश शर्मा — शिमला
निर्वाचन आयोग के तय शेड्यूल के अनुसार 29 अक्तूबर नाम वापस लेने की आखिरी दिन है। इसलिए भाजपा और कांग्रेस के कितने बागी मैदान में रहेंगे, इसकी तस्वीर शनिवार को साफ हो जाएगी। वर्तमान में भाजपा के लिए 14 सीटों पर और कांग्रेस के लिए 12 सीटों पर निर्दलीय नामांकन के कारण मुश्किलें खड़ी हैं। दोनों दलों में बागियों को मनाने के लिए कोशिशें हो रही हैं, लेकिन उन्हें बड़ी कामयाबी नहीं मिली है। भाजपा के लिए करसोग और कुसुम्पटी व कुल्लू जैसी सीटों पर पार्टी ने सहमति बना ली थी और अब किन्नौर तथा नालागढ़ जैसी सीटों पर भी सहमति बनने के आसार हैं। कांग्रेस ने भी चिंतपूर्णी में पूर्व मंत्री कुलदीप कुमार को मना लिया है, लेकिन अन्य सीटों पर क्या होगा, यह शनिवार शाम तक ही पता चलेगा। वहीं, कांग्रेस में एक दर्जन सीटों पर बगावत झेल रही पार्टी के ज्यादातर नेता भूमिगत हो गए हैं। शुक्रवार को कांग्रेस के बागियों के फोन स्विच ऑफ रहे। प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला के मनाने पर भी यह नेता वापस लौटने को तैयार नहीं हैं। महज चिंतपूर्णी विधानसभा से कुलदीप कुमार ने राजीव शुक्ला को सकारात्मक जवाब दिया है। कुलदीप कुमार शनिवार को विधानसभा में कार्यकर्ताओं की बड़ी बैठक करने वाले हैं और इस बैठक के बाद यह तय होगा कि वह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे या मैदान छोड़ जाएंगे, जबकि अन्य किसी भी सीट पर बागी नेताओं की राजीव शुक्ला से इस हद तक बातचीत नहीं हुई है। ज्यादातर बागी नेता शुक्रवार को प्रचार में मशगूल रहे।

वे सभी अपने विधानसभा क्षेत्रों में प्रचार में डटे थे, जबकि राजीव शुक्ला उनके शिमला आने का ही इंतजार करते रहे। कांग्रेस को इस बार चौपाल, ठियोग, पच्छाद, अर्की, इंदौरा, आनी, जोगेंद्रनगर, नाचन, झंडूता, बिलासपुर, हमीरपुर सदर और चिंतपूर्णी में बगावत का सामना करना पड़ रहा है। इन विधानसभा क्षेत्रों में टिकट की दौड़ में शामिल नेता बागी हो गए हैं। अब वे किसी भी सूरत में वापस लौटने को राजी नहीं हैं। गौरतलब है कि शनिवार को नाम वापस लेने का दिन है। इसके बाद यह तय हो जाएगा कि कौन मैदान में रहेगा और कौन हटेगा। इसे देखते हुए राजीव शुक्ला बीते दो दिन से शिमला में हैं। यहीं से वह उन सीटों का फीडबैक ले रहे हैं, जिनमें कांग्रेस को बगावत का सामना करना पड़ रहा है। राजीव शुक्ला दिन भर शुक्रवार को बातचीत का प्रयास करते रहे। जिन नेताओं से संपर्क नहीं हो पाया, उन्हें दूसरे कार्यकर्ताओं के माध्यम से संदेश पहुंचाए गए हैं, लेकिन शुक्रवार को सार्वजनिक तौर पर इनमें से किसी भी नेता ने सामने आकर चुनाव न लडऩे का ऐलान नहीं किया। ऐसे में नाम वापसी का समय खत्म होते ही कांग्रेस में पड़ी बगावत का भी खुलासा हो जाएगा। इसके साथ ही पार्टी हाईकमान बागी नेताओं पर बड़ी कार्रवाई भी करेगी।

राजीव शुक्ला अगर सही में बगावत शांत करना चाहते हैं, तो उन्हें शिमला में नहीं, बल्कि विधानसभा क्षेत्र में आकर बात करनी होगी। टिकट के लिए नेताओं का चुनाव गलत हुआ है। यह किन कारणों से हुआ, अब क्षेत्र के लोग तय करेंगे। राजीव शुक्ला इसका खुलासा भरी जनसभा में करते हैं तो वे कांग्रेस में वापस लौटने के बारे में सोच सकते हैं। चौपाल के लोगों के लिए यह चुनाव लड़ रहा हूं और इसलिए अब यही लोग यह तय करेंगे कि कांग्रेस आला कमान का फैसला सही था या गलत
डा. सुभाष मंगलेट, पूर्व विधायक, चौपाल विधानसभा क्षेत्र

नाराज कुलदीप कुमार मान जाएंगे! सह-अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली

गगरेट, शिमला — विधानसभा चुनावों में टिकट आवंटन के बाद बागी तेवर दिखाने वाले नेताओं को शांत कर डैमेज कंट्रोल के लिए कांग्रेस के आला नेता जुट गए हैं। इसी कड़ी में शुक्रवार को अचानक प्रदेश कांग्रेस सह प्रभारी गुरकीरत सिंह कोटली हेलिकॅाप्टर से चिंतपूर्णी में पहुंचे और नाराज चल रहे कांग्रेसी नेता कुलदीप कुमार से करीब एक घंटे तक बंद कमरे में बात की। उधर, कांग्रेस से बगावत के बाद चर्चा में आए पूर्व मंत्री कुलदीप कुमार को पार्टी ने अब सह-अध्यक्ष नियुक्त किया है। प्रदेश मामलों के प्रभारी राजीव शुक्ला ने शुक्रवार को दिन भर चले वार्तालाप के बाद इस संबंध में फैसला किया है। कुलदीप कुमार की नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू मानी जाएगी। इसके अलावा राजीव शुक्ला ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के अनुमोदन पर निलंबित हमीरपुर ब्लॉक कांग्रेस को तुरंत प्रभाव से बहाल कर दिया है। हालांकि कुलदीप कुमार नाम वापस लेंगे, इस पर फैसला शनिवार को उन्होंने कार्यकर्ताओं के साथ बैठक के बाद लेने की बात कही है।

कांग्रेस में बगावत बहुत बड़ी नहीं हैं। जिन सीटों पर कुछ लोग नाराज हैं, उनसे बातचीत की गई है। लगभग सभी मानने को तैयार हैं। उम्मीद है शनिवार को जो लोग किन्हीं कारणों से रूठ गए हैं, वे वापस पार्टी में लौट आएंगे। कुछ सीटों पर बात नहीं बनेगी, तो उनसे मुकाबला भी करेंगे। भाजपा में कई सीटों पर उनके नेता बागी हैं और पार्टी हाईकमान को चुनौती दे रहे हैं
राजीव शुक्ला, प्रभारी, हिमाचल कांग्रेस

अभी किसी से बात करने के बारे में नहीं सोचा है। प्रचार अभियान जारी है और लोगों का भरपूर समर्थन मिल रहा है। पच्छाद में रह कर प्रचार कर रहा हूं। पार्टी में लौटने या चुनाव लडऩे के बारे में कोई निर्णय फिलहाल नहीं लिया है। पार्टी नेताओं ने संपर्क जरूर किया है, लेकिन फैसला समर्थकों को करना है। फिलहाल पार्टी में लौटने से जुड़े किसी भी सवाल का जवाब नहीं दे सकता हूं।
गंगू राम मुसाफिर, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष, पच्छाद विधानसभा क्षेत्र

कांग्रेस में लौटने का सवाल ही नहीं
प्रचार अभियान चल रहा है और लोगों में जबरदस्त उत्साह है। इस घड़ी में जो लोग साथ चल रहे हैं, उन्हें अकेले छोडक़र वापस लौटने का सवाल ही नहीं उठता है। कोई भी बड़ा नेता अब मार्ग से नहीं हटा पाएगा। चुनाव में उतरने का एक ही ध्येय है कि किसी भी सूरत में अर्की के लोगों को नया नेतृत्व प्रदान करना है। अब कांग्रेस में वापसी का सवाल ही नहीं उठता है।
राजेंद्र ठाकुर, अर्की विधानसभा क्षेत्र

शिमला से प्रदेश प्रभारी का फोन आया था। उनसे बातचीत जरूर हुई है। लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है। पहले समर्थकों और कार्यकर्ताओं के साथ बात होगी, उसके बाद ही यह तय होगा कि पार्टी में लौटना है या चुनाव लडऩा है। शनिवार को समर्थकों की एक बैठक रखी है। इस बैठक में यह तय हो जाएगा कि आगे क्या होने वाला है। कल नाम वापसी का भी दिन है और मेरे लिए फैसले का भी दिन है
कुलदीप कुमार, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कांग्रेस, चिंतपूर्णी विधानसभा क्षेत्र


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