एग्जिट पोल से डोली दिग्गजों की ‘नाव’, प्रतिष्ठा का सवाल बने चुनाव
मंडी में कांटे की टक्कर; जयराम-कौल सिंह प्रकाश-विनोद-अनिल पर बड़ी जीत का दबाव
अमन अग्रिहोत्री — मंडी
हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनावों के परिणाम आने को अब सिर्फ एक ही दिन शेष बचा है। गुरुवार दोपहर तक चुनाव परिणाम आते ही हिमाचल प्रदेश में अगली सरकार की तस्वीर साफ हो जाएगी। हालांकि चुनाव परिणाम से पहले आए एग्जिट पोल में कांटे की टक्कर ने मंडी के दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा को दांव पर लगा दिया है। 2012 के विधानसभा चुनाव को अगर छोड़ दिया जाए, तो मंडी जिला में भाजपा कांग्रेस में हर चुनाव में मुकाबला एक तरफा ही रहा है। वहीं, इस बार एग्जिट पोल फिर से मंडी जिला में भाजपा-कांग्रेस में कांटे की टक्कर बताई जा रही है। मंडी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का जिला है और ऐसे में मंडी में कांटे की टक्कर ने अब कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा को दांव पर लगा दिया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, कांग्रेस के दिग्गज नेता कौल सिंह ठाकुर, पूर्व मंत्री प्रकाश चौधरी, नाचन से विनोद कुमार और सदर से अनिल शर्मा पर इस चुनाव में बड़ी जीत का दबाब बना हुआ है। वहीं प्रदेश सरकार में नंबर दो पर रहे जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर की भी साख दांव पर है। उन्होंने इस बार अपनी जगह अपने बेटे रजत ठाकुर को चुनाव मैदान में उतारा है। ऐसे में धर्मपुर से रजत ठाकुर की जीत हार पर दिग्गज नेता महेंद्र सिंह ठाकुर की साख दांव पर है।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पांच चुनाव लगातार जीत चुके हैं और अब इस बार सराज से बहुत बड़ी लीड के साथ जीत की उम्मीद भाजपा ने लगाई हुई है। कौल सिंह ठाकुर अब तक आठ चुनाव जीत चुके हैं और इस बर उनका 11वां चुनाव है। कौल सिंह ठाकुर कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री पद के दावेदार भी हैं और उन्हें इस बार अपने ही चेलेे पूर्ण चंद ठाकुर से टक्कर मिली हुई है। कांग्रेस के पूर्व मंत्री प्रकाश चौधरी भी इस बार सत्ता में वापसी की तैयारी में हैं। 2007 में सत्ता परिवर्तन के बाद भी प्रकाश चौधरी अपनी सीट बचाने में सफल रहे थे और 2012 में फिर से जीत कर आबकारी मंत्री बने थे, लेकिन 2017 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। वहीं परिवारवाद से जूझ रहे सदर से भाजपा प्रत्याशी अनिल शर्मा के लिए भी यह चुनाव इस बार आसान नहीं रहा है। राजनीति के चाणक्य रहे पंडित सुखराम के जाने के बाद उनके परिवार ने पहली बार अकेले चुनाव लड़ा है। इस बार सदर में भाजपा को बगाबत का भी सामना करना पड़ा है। सदर में कांग्रेस प्रत्याशी चंपा ठाकुर भी इस बार मजबूत स्थिति में दिखी हैं। पिछले चुनावों में विनोद कुमार पूरे प्रदेश में सबसे बड़ी लीड से जीते हैं और इस बार उनका लगातार तीसरा चुनाव बड़ी जीत का दबाब बना रहा है। उधर, आठ दिसंबर को मतगणना आठ बजे शुरू होने के बाद तकरीबन पौने नो बजे तक रूझान आना शुरू हो जाएंगे।
भाजपा के बागी-भितरघात कहीं पलट न दें समीकरण
इस चुनाव में भाजपा के लिए बागी व भितरघात भी मंडी जिला में बड़ी समस्या रहा है। भाजपा को सुंदरनगर, नाचन, सदर में सीधे सीधे बगाबत और जोगिंद्रनगर व दं्रग में भीतरघात का सामना करना पड़ा है। सुंदरनगर से भाजपा प्रत्याशी राकेश जम्वाल ने चुनाव जीतने के लिए खूब पसीना बहाया है, लेकिन वहां बागी कांग्रेस को राहत दे रहे हैं। नाचन में विनोद कुमार की तीसरा चुनाव है और वह एंटी इनकम्बेंसी के साथ बागी ज्ञान चंद से भी लड़े हैं। सदर में अनिल शर्मा के लिए भाजपा बागी प्रवीण शर्मा के साथ परिवारवाद हावी रहा है। ऐसे में बागी व भीतरघात भाजपा के समीकरण बिगाडऩे में किस हद तक सफल हुए हैं, इसका खुलासा आठ दिसंबर को दस बजे तक हो जाएगा।
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