HP Election 2022 : तीसरे विकल्प का क्या बनेगा?
भाजपा-कांग्रेस में ही होता रहा है सत्ता का फैसला 1998 में दस फीसदी वोट लिए थे हिमाचल विकास कांग्रेस ने आप, माकपा, देवभूमि पार्टी पर नजर
स्टाफ रिपोर्टर— शिमला
प्रदेश के विधानसभा चुनाव में तीसरा विकल्प क्या असर दिखाएगा, गुरुवार को इसका पता चल जाएगा। इस बार विधानसभा चुनाव में माकपा के अलावा आम आदमी पार्टी और राष्ट्रीय देव भूमि पार्टी ने अपने प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे हैं। विधानसभा चुनाव में इस बार मकपा ने 11 उम्मीदवार, आम आदमी पार्टी ने 67 प्रत्याशी, राष्ट्रीय देव भूमि पार्टी ने 29 प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे हैं। चुनाव परिणाम में देखना होगा कि क्या हिमाचल प्रदेश अपनी एक चुनावी आदत को बदलेगा और यह आदत है सत्ता का फैसला भाजपा या कांग्रेस दो दलों के बीच करने की। राज्य के इतिहास में 1998 के चुनाव में पंडित सुखराम की पार्टी हिमाचल विकास कांग्रेस तीसरे विकल्प के रूप में कुछ उम्मीद जगाई थी।
1998 के चुनाव में हिमाचल विकास कांग्रेस को पांच सीटें भी मिल गई थीं। हालांकि पंडित सुखराम के अलावा बाकी विधायक बहुत कम अंतर से जीत पाए थे। तब हिमाचल विकास कांग्रेस 10 फीसदी से ज्यादा वोट ले गई थी। इसके अलावा जब भी चुनाव हुए हैं, हिमाचल ने किसी अन्य तीसरे दल को इतना वोट भी नहीं मिला है। प्रदेश के चुनावों में बहुजन समाज पार्टी से लेकर सीपीआईएम हर बार चुनाव लड़ती है, लेकिन वोट प्रतिशत 10 फीसदी तक भी नहीं पहुंच पाता है। हालांकि कई बार हुए चुनाव में निर्दलीय विधायक 10 फीसदी से ज्यादा वोट ले जाते हैं। पिछले तीन विधानसभा चुनावों में वर्ष 2007, 2012 औ 2017 में तीसरा विकल्प से माकपा और बीएसपी से अधिक वोट आजाद उम्मीदवारों को मिले हैं। ऐसे में सवाल अब यह है कि आम आदमी पार्टी इस बार के चुनाव में हिमाचल में किसका गणित बदलेगी।
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