भाजपा में पोस्टमार्टम की तैयारी; हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में खराब प्रदर्शन, शिमला-सोलन में भी परफार्मेंस खराब
दिव्य हिमाचल ब्यूरो — शिमला
हिमाचल विधानसभा के चुनाव में मिली करारी हार के बाद भाजपा में बड़ी कार्रवाई की तैयारी हो रही है। पार्टी ने शिमला संसदीय सीट पर बेहद खराब प्रदर्शन किया है और 17 में से कुल तीन सीटें ही हासिल हुई हैं। इसका सबसे बड़ा कारण शिमला और सोलन में खराब प्रदर्शन रहा है। वहीं, भाजपा को सबसे बड़ा झटका हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में लगा है, जहां हमीरपुर जिला में पार्टी बिलकुल साफ हो गई है। 1972 के चुनाव के बाद भाजपा के साथ ऐसा 2022 के चुनाव में हुआ है।
अगर हमीरपुर संसदीय क्षेत्र की बात करें तो 17 सीटों में से सिर्फ पांच सीटें भाजपा को मिली हैं। इनमें से एक ऊना जिला में है और एक कांगड़ा जिला में। तीन सीटें बिलासपुर की हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के अलावा केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर भी इसी संसदीय सीट से हैं। यही वजह है कि भाजपा को हार की रिपोर्ट बनाने में भी दिक्कत आ रही है और ऐसा लग रहा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के इशारे के बाद ही हिमाचल से रिपोर्ट बनाकर भेजी जाएगी।
सूत्र कहते हैं कि राष्ट्रीय अध्यक्ष बेहद नाराज हैं और अभी इस बारे में कुछ भी नहीं कहा है। गुजरात में नई सरकार के शपथ ग्रहण के बाद हिमाचल की तरफ भाजपा हाईकमान का फोकस होगा और फिर कुछ कड़े कदम उठाए जा सकते हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के पद पर भी बदलाव संभव है और अन्य पदाधिकारी जिनका कार्यकाल लगभग पूरा हो गया है, उन्हें भी बदला जा सकता है। भाजपा में हार की जिम्मेदारी तय करने के लिए फीडबैक तैयार हो रहा है। लेकिन यह सारे कदम पार्टी कब तक उठाएगीए यह दिल्ली से ही तय होगा।
नेता प्रतिपक्ष चुनाव को दिल्ली से आएंगे पर्यवेक्षक
भाजपा को विस में विपक्ष की भूमिका निभानी होगी, इसलिए विधायक दल की बैठक अगले सप्ताह हो सकती है। इसमें दिल्ली से पर्यवेक्षक के तौर पर किसी पदाधिकारी को भेजा जाएगा। इसमें विधायक दल के नेता का चुनाव होगा, जिसे बाद में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी दी जाएगी। हिमाचल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का वादा लेने के लिए 23 सीटों से ज्यादा का होना जरूरी है, इसलिए यह पात्रता पार्टी को मिल गई है।
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