और भी सीमाएं पिघल सकती हैं प्यार में

इस कहानी को मात्र हिंदू-मुसलमान की प्रेम कहानी के तौर पर नहीं देखना चाहिए…

दुनिया के सोशल मीडिया में सीमा-सचिन की संदेहास्पद प्रेम कहानी इस समय पूरी तरह से छा चुकी है। जहां पाकिस्तान और हिन्दुस्तान के रिश्तों को अभी लम्बे समय तक पटरी पर आने की कल्पना भी नहीं की जा सकती, वहीं पर कराची (पाकिस्तान) की सीमा हैदर को अपने सत्ताईसवें वर्ष में चार बच्चे पैदा करने के बाद भारतवर्ष के ग्रेटर नोएडा में रहने वाले सचिन से प्रेम पैदा हो गया। तीन साल से सचिन मीणा के सम्पर्क में रहने वाली सीमा को सचिन से पबजी का खेल खेलते-खेलते प्रेम अब जिंदगी का खेल बन चुका है। सीमा अपने चार बच्चों सहित नेपाल के रास्ते अपने प्रेमी सचिन के साथ जन्म-जन्म के बन्धन में बंधने को भारत पहुंच गई। इलैक्ट्रोनिक मीडिया, सोशल मीडिया तथा प्रिंट मीडिया में सीमा हैदर को जो शोहरत मिली है उसे बयान नहीं किया जा सकता। पत्रकार इस विवादास्पद प्रेमी जोड़े को अपने कैमरे में कैद कर रहे हैं या फिर अपनी कलम से इस अनोखी प्रेम कथा को अपने शब्द मणिरत्नों से मानों अमरत्व प्रदान करना चाहते हों। भारत तथा पाकिस्तान के द्विपक्षीय संबंधों की कड़वाहट एवं खटास के बीच सीमा-सचिन के प्रेम सम्बन्ध ने दुनिया में हलचल मचा दी है। हर पत्रकार, समाचार पत्र, टीवी चैनल सीमा-सचिन की प्रेम कहानी की परतें खोलना चाहता है। बिना वीजा के अपने तथा चार बच्चों के परिचय पत्र, चार मोबाइल सहित भारत आने वाली सीमा नेपाल में शादी कर अब पूरी तरह से भारतीय सचिन के रंग में रंग चुकी है तथा अब वह कोर्ट मैरिज करना चाहती है।

विशुद्ध भारतीय परिधान, भाषा, बेबाक अंदाज, टैक्नोलॉजी में कुशल सीमा बातचीत से सबको प्रभावित करने की कोशिश कर रही है। सीमा के बच्चे स्वच्छंद तथा उन्मुक्त भाव से ग्रेटर नोएडा में हिन्दुस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रहे हैं। सीमा हैदर भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हमेशा के लिए भारत में रहने की गुहार लगा रही है। सीमा का कहना है कि अब वह किसी भी हालत में पाकिस्तान नहीं जाना चाहती। वह भारत में ही मरना पसन्द करेगी। वह अब सचिन की ठकुराईन बन चुकी है। अब वह गंगा में डुबकी लगाकर पवित्र होकर विधि-विधान से हिंदू धर्म अपनाएगी तथा मटन, चिकन और बिरयानी छोड़ कर अब शाकाहारी भोजन किया करेगी। सीमा हैदर कहती है कि अगर उसे पाकिस्तान भेजा गया तो उसे लोग पत्थर मारकर खत्म कर देंगे। उसकी टांगें तथा बाजुएं काट कर उसकी नृशंस हत्या कर देंगे। उधर सीमा का पूर्व पति गुलाम हैदर भारत सरकार से अपनी पत्नी तथा बच्चों को वापस पाकिस्तान भेजने की मांग कर रहा है। सीमा के नए पति सचिन अपनी पत्नी सीमा तथा चार बच्चों को पाकर बहुत खुश हैं। सचिन के माता-पिता तथा रिश्तेदार सीमा को स्वीकार कर आशीर्वाद दे रहे हैं। सीमा के चारों बच्चे हिन्दुस्तान में आकर बहुत खुश हैं। अब उनके मुस्लिम नाम हिन्दू बच्चों के नाम में परिवर्तित हो गए हैं। सीमा सचिन उर्फ सीमा हैदर ने अब पूरी तरह से तय कर लिया है कि अब वे किसी भी सूरत में पाकिस्तान नहीं जाएंगी। चाहे वह जहर खा लेगी या फिर गला काट लेंगी।  मान न मान, मैं तेरा मेहमान बन चुकी सीमा गला काटने की धमकी देकर भारत के गले में पड़ चुकी है। सोशल मीडिया, न्यूज चैनल, प्रिंट मीडिया में सीमा और सचिन की अनोखी प्रेम कहानी एक अनसुलझी पहेली बन चुकी है। मीडिया के सभी चैनलों को पूछताछ तथा मीडिया ट्रायल करने का ऐसा अवसर तथा उत्सव बन चुका है जैसे पूरे हिन्दुस्तान की सभी समस्याएं समाप्त हो चुकी हैं। अनेकों संचार माध्यम, टीवी एंकर एवं पत्रकार मजाक बना चुके हैं।

हालांकि इस मामले में कानून तथा सम्बन्धित एजेंसियां अपना काम करेंगी। मात्र दो लोगों की भावानात्मक, संदेहास्पद या मनघड़ंत प्रेम कहानी की कीमत पर देश को ताक पर नहीं रखा जा सकता। पहले ही 1947 के विभाजन से पाकिस्तानी शरणार्थी, वर्ष 1959 में तिब्बती शरणार्थी, 1960 में बांग्लादेश से चकमा और हाजौंग शरणार्थी, 1965 तथा 1971 के बांग्लादेशी शरणार्थी, 1980 के दशक में श्रीलंकाई तमिल शरणार्थी तथा अब हाल ही में म्यांमार के रोहिंग्या शरणार्थियों से भारतवर्ष भरा पड़ा है। काफी संख्या में अवैध रूप से नेपाली मजदूर वर्ग यहां पर अपना जीवन यापन कर रहा है। वास्तव में ये घुसपैठिए, अप्रवासी तथा शरणार्थी बेहतर आर्थिक अवसरों की तलाश में भारत आते हैं तथा प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से भारतीय नागरिकों के अधिकारों पर डाका डालते हैं। अब प्रश्न यह उठता है कि किस-किस को शरण देता रहेगा यह हिन्दुस्तान? वर्तमान में अवैध रूप से रहने वाले इन शरणार्थियों तथा अप्रवासियों के प्रवास से हिन्दुस्तानियों का उत्पीडऩ ही हुआ है।

इन शरणार्थियों तथा प्रवासियों के प्रवास से विभिन्न राज्यों में वहां के स्थानीय लोगों पर हिंसात्मक हमले हुए हैं। लड़ाई-झगड़े तथा पुलिस केस होना तो आम बात हो गई है। ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की विचारधारा में विश्वास रखने वाला भारत एक धर्मशाला तथा शरणालय बन चुका है। भारतीय कानूनविदों तथा सुरक्षा एजेंसियों को इस अजीबोगरीब प्रेम कहानी के संदर्भ में बहुत से अनसुलझे प्रश्नों का उत्तर ढूंढने का प्रयास करना होगा। सीमा हैदर कैसे बिना वीजा के नेपाल के रास्ते भारत में दाखिल हुई? उसके इरादे क्या हैं? सीमा हैदर तथा उसके चार बच्चों के पासपोर्ट कैसे बने? उसके परिचय पत्र कैसे बने? सीमा के पति ग़ुलाम हैदर की कहानी क्या है? टैक्नोलॉजी में कुशल, तेज तर्रार दिखने वाली सीमा क्या वास्तव में ही अनपढ़ है? क्या वह जासूसी के इरादे से भारत आई है? सचिन से संपर्क की क्या पृष्ठभूमि है? चार बच्चे पैदा करने के बाद उसको भारतीय लडक़े से कैसे प्रेम पैदा हुआ? पबजी खेल से प्रेम के माध्यम से भारतीय लडक़े से प्यार, फिर शादी और चार बच्चों सहित भारत में घुसपैठ को सामान्य रूप से नहीं देखा जा सकता। इस तरह तो भारत में रहने के लिए अनेकों प्रेमी तैयार हो जाएंगे। किसी भी सूरत में भारतीय सुरक्षा को दो व्यक्तियों की प्रेम की आग में झोंका नहीं जा सकता। वर्तमान में इस अजीब-ओ-गरीब लवस्टोरी की लैला-मजनूं, शीरीं-फरहाद तथा सोहनी-महिवाल की प्रेम कहानी के साथ तुलना नहीं की जा सकती। यह प्रेम कहानी फिल्म निर्देशकों, इलैक्ट्रोनिक मीडिया तथा प्रिंट मीडिया के लिए एक व्यावसायिक विषय हो सकती है। प्रेम अगर दो रुहों का विषय है तो देश प्रेम करोड़ों भारत वासियों के लिए एक गम्भीर विषय है। इस कहानी को मात्र हिन्दू-मुसलमान की प्रेम कहानी के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए क्योंकि यह मसला दो मुल्कों के गम्भीर द्विपक्षीय सम्बन्धों का भी है। प्रेम भावना में बह कर इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता अन्यथा और भी सीमाएं पिघल सकती हैं प्यार में।

प्रो. सुरेश शर्मा

शिक्षाविद


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