कृपा का उच्चतम स्तर

By: Nov 11th, 2023 12:20 am

सद्गुरु जग्गी वासुदेव

अगर आप सोचते हैं कि जीवंत होने के बजाय आपके पास करने के लिए ज्यादा महत्त्वपूर्ण कोई चीज है, तो मृत्यु आएगी। आप चिकित्सकीय दृष्टि से शायद मरे हुए न हों, लेकिन अपने आसपास हर चीज के प्रति आप मरे हुए होंगे। अगर आप जीवन से मृत्यु की ओर चले गए हैं, तो जीवन में वापस आने का यही समय है…

सद्गुरु- आपके जीवन में चाहे जो कुछ भी आता है, चाहे वह कृपा का उच्चतम स्तर हो, अगर आप उसका महत्त्व नहीं समझते, तो वह सिर्फ कमजोर ही नहीं पड़ेंगे, बल्कि आपके अनुभव से गायब हो जाएंगे। लोगों के साथ ऐसा हर समय हो रहा है, उनके जन्म से ही। खुद को या अपने आसपास किसी दूसरे को देखिए, क्या वे जीवन के द्वारा हर वक्त दिए जा रहे उपहार को अनुभव कर रहे हैं? जो हवा वे सांस में लेते हैं, जो पानी वे पीते हैं,जो भोजन वे खाते हैं, उनमें से कितने लोग सचमुच उनका आनंद ले रहे हैं? उनको लगता है कि जीवन से अलग कोई ज्यादा बड़ा मकसद मौजूद है। उनका अपना खुद का मिशन होता है जो लोग सोचते हैं कि जीवन से अलग उनका एक मिशन है, वे उस किस्म के लोग है जो ‘भगवान का काम’ अपने हाथ में ले लेते हैं और बाकी की दुनिया से लड़ते हैं, क्योंकि उनके लिए दूसरी चीजें जीवन से ज्यादा महत्त्वपूर्ण हो गई हैं। वे जिन चीजों में विश्वास करते हैं या जिसे वे जीवन से ज्यादा महत्त्वपूर्ण मानते हैं, उसके चलते वे भयंकर चीजें कर सकते हैं। आतंकी हमले उसकी नीचतापूर्ण अभिव्यक्ति है, लेकिन एक तरह से, हर इनसान इसे कर रहा है। हो सकता है कि वे ऐसा दूसरे जीवन के साथ न कर रहे हों, लेकिन वे अपने ही जीवन के साथ भयंकर चीजें कर रहे हैं। वे किसी भी तरह से जीवन को वाकई अनुभव नहीं करते। कई सारे लोगों के लिए, जीवन बस बोझिल ही नहीं है, यह दुख भरा या यातना भरा हो सकता है।

ऐसा इसलिए नहीं है क्योंकि कोई उन्हें शारीरिक रूप से यातना दे रहा है, बल्कि वे सोचते हैं कि उन्हें इस धरती पर जीवन जीने के अलावा कुछ और करना है। मैं चिकित्सकीय मायने में बस जिंदा होने की बात नहीं कर रहा हूं, बल्कि हर चीज के साथ सचमुच जीवंत और तालमेल में होने की बात कर रहा हूं। अस्तित्व में हर चीज के प्रति जीवंत होना आपका ही एकमात्र काम है। अगर आप हर चीज के प्रति वाकई जीवंत रहते हैं, तो आप धरती के उपहार को जानेंगे, आप आसमान की सुंदरता को जानेंगे, आप जानेंगे कि परे क्या है, हर चीज आपके बोध में होगी। अगर आप सोचते हैं कि जीवंत होने के बजाय आपके पास करने के लिए ज्यादा महत्त्वपूर्ण कोई चीज है, तो मृत्यु आएगी। आप चिकित्सकीय दृष्टि से शायद मरे हुए न हों, लेकिन अपने आसपास हर चीज के प्रति आप मरे हुए होंगे। अगर आप जीवन से मृत्यु की ओर चले गए हैं, तो जीवन में वापस आने का यही समय है। वैसे भी मृत्यु तो आएगी ही, उसके लिए जल्दबाजी मत कीजिए।


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