ठीक नहीं होता अकेलापन

यदि आप अकेलापन महसूस कर रहे हैं तो ऐसे में सेल्फकेयर आपका सबसे अच्छा दोस्त बन सकता है। खुद को अपनी देखभाल में व्यस्त रखें, हेल्दी डाइट लें, नियमित एक्सरसाइज करें, स्किन केयर, हेयर केयर और अपनी अन्य पसंदीदा गतिविधियों में भाग लें। ये सभी गतिविधियां आपको व्यस्त रखते हुए बेहतर महसूस करने में मदद करेंगी। इसके साथ ही ये सभी गतिविधियां मानसिक स्वास्थ्य से लेकर शारीरिक एवं त्वचा स्वास्थ्य के लिए भी कमाल की होती हैं। चाहें तो किसी प्रकार के सोशल वर्क का हिस्सा भी बन सकते हैं। यह आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा रहेगा। सोशल वर्क के दौरान आपको कई ऐसे लोग मिलेंगे जिनके साथ वक्त बिताकर आपको अपना अकेलापन बांटने में मदद मिलेगी। याद रहे कि किसी भी समस्या से बाहर आने के लिए उस समस्या के प्रति पूरी जानकारी होना बेहद महत्त्वपूर्ण है…

20 नवम्बर की एक खबर है कि नोएडा में अकेलेपन की जिंदगी की परेशानियों से हताश होकर युवती ने जिंदगी समाप्त कर ली। यह महिला एक निजी कंपनी में नौकरी करती थी। प्रारंभिक जांच में पिछले कुछ दिनों से महिला के डिप्रेशन में होने की बात सामने आई है। ऐसी अनेक घटनाएं और भी सामने आ रही हैं जहां अकेले रहने वाले कई सेलेब्रिटी और स्टार भी दौलत, शोहरत और रुतबा होने के बावजूद अकेलेपन की मानसिक व्यथा के कारण जिंदगी से मुंह मोड़ रहे हैं। हमारे समाज को इस पर ध्यान देने की तुरंत जरूरत है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें तो अकेलेपन की समस्या दुनिया भर में तेजी से फैल रही है। चिंता की बात यह है कि भारत भी इसमें शामिल है। हम अपने आसपास देखते हैं कि आजकल लोगों को अकेले रहना काफी पसंद आता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि लोगों का मानना होता है कि वे खुद को टाइम दे पाते हैं। इससे नई सोच बेहतर होती है। अगर आप भी उन्हीं लोगों में से हैं जिन्हें अकेलापन पसंद आता है तो आपको सावधान होने की जरूरत है, क्योंकि अकेलापन आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अकेलेपन को सिगरेट पीने जितना नुकसानदायक बताया है। संगठन के मुताबिक 15 सिगरेट पीने से जितना शरीर को नुकसान पहुंचता है, उतना ही नुकसान अकेलेपन से पहुंचता है। अकेलेपन के कारण डिमेंशिया का रोग विकसित होने का खतरा 50 फीसदी तक बढ़ जाता है। इसके अलावा अकेलेपन के कारण कोरोनरी धमनी रोग और स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है। हम सभी की जिंदगी उतार-चढ़ाव से भरी हुई होती है। जिंदगी में कभी कुछ अच्छा होता है, तो कभी हम जैसा सोचते हैं, जिंदगी वैसे बिल्कुल नहीं चलती है। अक्सर जिंदगी में कुछ ऐसे मोड़ आते हैं, जब हम हिम्मत हार जाते हैं, मायूस हो जाते हैं, अकेलापन महूसस करने लगते हैं। ऐसे वक्त पर खुद को संभालना बहुत जरूरी होता है। कई बार लोगों के बीच में भी आपको अकेलापन महसूस होता है और कुछ लोगों के आसपास उन्हें समझने और सहारा देने के लिए कोई नहीं होता है। ऐसे में वे अकेला महसूस करने लगते हैं। जीवन में किसी लक्ष्य का न होना कई बार अकेलेपन और तनाव की वजह बन जाता है। ऐसे में अपने लिए एक रूटीन सेट करें। एक्सरसाइज, काम, पढ़ाई और रिलेक्स सब कुछ करने के लिए एक टाइम टेबल तय करें। इससे आपको व्यस्त रहने में मदद मिलेगी। जितना जरूरी दूसरों को समझना, उनसे प्यार करना है, उससे भी ज्यादा जरूरी खुद को समझना है। अक्सर हम खुद पर बहुत हार्श हो जाते हैं, खुद को दोष और जजमेंट के जाल में फंसा लेते हैं। ऐसा न करें। जिस तरह मुश्किल वक्त में आप अपने दोस्तों को समझने की कोशिश करते हैं, वैसे ही खुद को भी समझें। अगर आप अकेला महसूस कर रहे हैं, तो अपने इस वक्त को खुद को खोजने में और पर्सनल ग्रोथ में लगाएं। अपने इंट्रेस्ट पर फोकस करें। कई ऐसे काम रहे होंगे, जो आपको अच्छे लगते होंगे, लेकिन जिन्हें आप एक वक्त पर बिजी रहने के चलते नहीं कर पाते होंगे, अब उन कामों को करें। इससे आपको अच्छा महसूस होगा।

सोशल मीडिया पर हम सभी वक्त बिताते हैं और अकेले होने पर आप सोशल मीडिया से ज्यादा कनेक्ट होने लगते हैं। लेकिन ऐसा न करें। सोशल मीडिया पर ज्यादा वक्त बिताने से न केवल आपकी नींद पर असर होता है, बल्कि इससे कई बार नेगेटिव फीलिंग्स भी आती हैं। अकेलापन सोचने और सुनने में जितना सामान्य लगता है, इसके साथ डील करना उतना ही मुश्किल हो सकता है। हम सभी ने कभी न कभी अकेलेपन को महसूस जरूर किया होगा, परंतु यदि यह लंबे समय तक बना रहता है, तो आपके मानसिक एवं भावनात्मक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है। लोनलिनेस यानी कि अकेलापन किसी भी वक्त आपको घेर सकता है, खासकर तनाव और चिंता की स्थिति में अकेलापन महसूस होना बिल्कुल सामान्य है। अकेलेपन की स्थिति में आपकी भावनाएं शेयर करने वाला कोई नहीं होता, यह एक ऐसी मानसिक स्थिति है जहां आपके सामने आपके अलावा और कोई नहीं होता। अकेलेपन की स्थिति आपको ओवरथिंक, यानी जरूरत से ज्यादा सोचने वाले व्यक्तियों में शामिल कर सकती है। वहीं अकेलापन नकारात्मकता को आकर्षित करता है। परंतु अकेलेपन का एहसास नींद की कमी का कारण बन सकता है। इसका हल है, यदि आपको खाना पकाने में इंट्रेस्ट है या आप बहुत अच्छी पेंटिंग करती हैं या डांसिंग और सिंगिंग का शौक रखते हैं तो आपको अपने इंट्रेस्ट से मिलते-जुलते किसी ग्रुप में पार्टिसिपेट करना चाहिए। इन गतिविधियों में वक्त बिताने से आपको बेहतर महसूस होगा और आप खुद को सकारात्मक रूप में व्यस्त रख पाएंगी, जिससे आपका अकेलापन भी दूर हो जाएगा।

यदि आप अकेलापन महसूस कर रहे हैं तो ऐसे में सेल्फकेयर आपका सबसे अच्छा दोस्त बन सकता है। खुद को अपनी देखभाल में व्यस्त रखें, हेल्दी डाइट लें, नियमित एक्सरसाइज करें, स्किन केयर, हेयर केयर और अपनी अन्य पसंदीदा गतिविधियों में भाग लें। ये सभी गतिविधियां आपको व्यस्त रखते हुए बेहतर महसूस करने में मदद करेंगी। इसके साथ ही ये सभी गतिविधियां मानसिक स्वास्थ्य से लेकर शारीरिक एवं त्वचा स्वास्थ्य के लिए भी कमाल की होती हैं। चाहें तो किसी प्रकार के सोशल वर्क का हिस्सा भी बन सकती हैं। यह आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा रहेगा। सोशल वर्क के दौरान आपको कई ऐसे लोग मिलेंगे जिनके साथ वक्त बिताकर आपको अपना अकेलापन बांटने में मदद मिलेगी। याद रहे कि किसी भी समस्या से बाहर आने के लिए उस समस्या के प्रति पूरी जानकारी होना बेहद महत्वपूर्ण है। जब तक आप अपनी समस्या को पूर्ण रूप से समझकर स्वीकार नहीं कर लेती, तब तक आप इसके प्रति उपचार शुरू नहीं कर पाती। ऐसे में अकेलेपन को स्वीकार करें और देखें की आपके अकेलेपन का क्या कारण है? विश्व स्वास्थ्य संगठन ने लोगों के बीच सामाजिक संबंधों में सुधार करने के लिए जापान में एक आयोग शुरू किया है। यह आयोग लोगों में अकेलेपन से होने वाली दिक्कतों को खत्म करने के लिए काम कर सकता है। हमे नोएडा जैसी घटनाओं को रोकना चाहिए। अकेलेपन की मानसिक बीमारी से कीमती इनसानी जिंदगी को सुरक्षित रखना होगा और अंत में देश में भी इस मुद्दे पर एक ठोस पहल की जरूरत है।

डा. वरिंद्र भाटिया

कालेज प्रिंसीपल

ईमेल : hellobhatiaji@gmail.com


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