बच्चों ने समझा, शिमला में कैसे आता है पानी
वल्र्ड वॉटर डे पर ऑकलैंड स्कूल के छात्रों को चुरट पेजयल परियोजना के बारे में दी जानकारी
सिटी रिपोर्टर—शिमला
शहर को पेयजल सप्लाई किस तरीके से मिलती है और पानी को कैसे पीने योग्य बनाया जाना है इसको जानने के लिए गुरुवार को ऑकलैंड हाउस स्कूल के 17 विद्यार्थी चुरट पेयजल परियोजना को देखने पहुंचे। 25 मार्च को वल्र्ड वॉटर डे मनाया जाता है। इस उपलक्ष्य पर स्कूल प्रशासन ने विद्यार्थियों को वाटर सप्लाई सिस्टम की जानकारी दी। इस दौरान स्कूली बच्चों ने स्रोत से लेकर स्टोरेज टैंक तक पानी लाने की विधि को जाना। इसके साथ ही विद्यार्थियों को यह भी बताया गया कि पानी की स्वच्छता टेस्टिंग किस तरह की जाती है और शिमला के लोगों को कितना साफ पानी पीने के लिए सप्लाई किया जाता है। वहीं, पंप हाउस में कौन-कौन सी मशीनें लगातार कार्य करती हैं। इसके साथ ही उनकी पावर कितनी होती और बिजली कितनी खर्च होती है।
इसके बारे में विद्यार्थियों को पूरी जानकारी दी गई। विद्यार्थियों को शिमला जल प्रबंधन निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों ने बताया कि जल जीवन है, इसको साफ रखने और सुरक्षित रखने के लिए हम सभी को कार्य करने की जरूरत है। घरों में पानी को किस तरह से बचाया जा सकता है और स्टोर करने के लिए कौन सी प्रणाली इस्तेमाल में लाई जाती है, इसके बारे में भी जानकारी दी। इसके साथ ही अधिकारियों और कर्मचारियों ने सभी विद्यार्थियों से आग्रह भी किया कि सभी को जल संरक्षण को लेकर जानकारी दे और कंपनी के अभियान के साथ जुड़ें।
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