स्मार्ट सिटी में प्रोजेक्ट बनाए-फिर तोड़े, करोड़ों डुबोए

By: Apr 18th, 2024 12:17 am

बुक कैफे संजौली बनाकर तोड़ा, लिफ्ट और रिपन फुटओवर ब्रिज का भी यही हुआ हश्र

पंकज चौहान—शिमला
शिमला शहर में स्मार्ट सिटी के कार्य शहर को सुंदर बनाने और लोगों को सुविधा देने के लिए लाया गया था, लेकिन इसी प्रोजेक्ट में हुई मनमाने काम से करोड़ों चूना भी लगा है। पहले बिना प्लानिंग से प्रोजेक्ट बनाये गये, फिर तोड़ दिये गये। ऐसे तीन प्रोजेक्टों के कारण ही करीब 15 करोड़ डुबोए गए। स्मार्ट सिटी के तहत शहर के सर्कुलर रोड से माल रोड जाने वाली लिफ्ट के समीप और रिपन अस्पताल के पास लोगों की सुविधा के लिए फुटओवर ब्रिज का 95 प्रतिशत तक काम पूरा कर दिया गया था, लेकिन मुख्यमंत्री के आदेशों के बाद इन्हें रोका गया और इस कार्य को हटाना पड़ा। वहीं, इस कार्य को करने वाले ठेकेदारों ने जो कार्य किया था, उसके बिल बनाकर ठेकेदारों ने नगर निगम और स्मार्ट सिटी को दे दिए हैं और अपने काम के पैसे मांगे हैं। लिफ्ट के पास जो फुटओवर ब्रिज था, उसको पांच करोड़ की लागत से बनाया जा रहा था, लेकिन इसे तोडऩे और निर्माण कार्य में करीब साढ़े चार लाख रुपए का खर्चा हो गया था।

ऐसे में ठेकेदार ने भी अपने कार्य के बिल करीब चार लाख तक के दे दिए हैं। यानी जो पैसे आए थे, उसे दो गुना नुकसान नगर निगम सही शिमला शहर को झेलना पड़ा है। शिमला शहर में स्मार्ट सिटी का जो भी कार्य किया गया है, उसको लेकर भले ही भाजपा बड़े-बड़े दावे करता है कि शिमला शहर का विकास हुआ है, लेकिन कांग्रेस का साफ कहना है कि बिना लॉंग टर्म प्लानिंग से स्मार्ट सिटी का काम हुआ है। शहर को लोहा सिटी बनाने से अच्छा एस्कलेटर या अन्य सुविधा दी होती तो शहर का नक्शा ही बदल जाता। भाजपा का कहना है कि लिफ्ट और रिपन के पास बड़ी सोच समझ कर फुटओवर ब्रिज का निर्माण किया जा रहा था, क्योंकि यहां पर लोगों की सबसे ज्यादा आवाजाही रहती है और हाथ उठाकर गाडिय़ों को रोकना पड़ता है। वहीं, यदि कोई ओवर स्पीड पर होता है तो यहां पर दुर्घटना होने का खतरा भी रहता है। सबसे ज्यादा दिक्कत बुजुर्गों और मरीजों को रोड क्रॉस करने में रहती है। फुटओवर ब्रिज से वह आराम से रोड क्रॉस कर सकते थे, लेकिन अब इन कार्यों को ही खत्म कर दिया है। वहीं, संजौली में भी करीब पांच करोड़ की लागत से बुक कैफे बनाया था, उसे भी अब तोड़ दिया गया है। ऐसे कई कार्य हैं जो शहर में बिना किसी तुक के किए गए हैं।

स्मार्ट सिटी के कार्य शहरवासियों की सुविधा के लिए किए जा रहे थे, लेकिन कांग्रेस सरकार लोगों को सुविधा देने के बजाय करोड़ रुपए का बोझ दे रहे हैं। लिफ्ट के पास जो फुटओवर ब्रिज बन रहा था, उसे बंद नहीं किया जाना चाहिए था। हमारा नगर निगम सहित प्रदेश सरकार से आग्रह है कि एक बार पुन: इस कार्य के लिए विचार-विम्रश करना चाहिए
राकेश शर्मा, पूर्व उप महापौर, शिमला

स्मार्ट सिटी के तहत जो कार्य किया गया है, वह बिना लंबी सोच और बिना प्लानिंग से किए गए हैं। शहर में जो भी ब्रिज बनने हैं उसे शहर की सुंदरता पर दाग तो लगे ही हैं वहीं करोड़ों रुपए का नुकसान भी हुआ है। यानी शिमला शहर को लोहा सिटी बनाकर करोड़ों रुपए की बर्बादी की गई है
सुशांत कपरेट, कांग्रेस नेता एवं पूर्व पार्षद

पूर्व पार्षद ने वार्ड में जो बुक कैफे बनाया था वह लोगों के विवाद करने के बावजदू भी अपनी मनमाने तरीके से बनाया था। जो निंदनीय है। पूर्व पार्षद ने वार्ड में सरेआम पैसों की बर्बादी के कार्य किए हैं। जिसका नुकसान आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।
अंकुश वर्मा, पार्षद, इंजनघर वार्ड


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App